(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।) |
संदर्भ
वीडियो गेम दुनिया भर में अरबों लोगों को जोड़ने वाले विशाल डिजिटल नेटवर्क में बदल गए हैं। हालाँकि, यह तेज़ी से विस्तार अपने साथ एक चिंताजनक वास्तविकता भी लेकर आया है। आतंकवादी संगठन और चरमपंथी समूह धीरे-धीरे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म का दुरुपयोग करके और भौगोलिक बाधाओं को दरकिनार करते हुए दुनिया भर के युवाओं को अपने संगठन से जोड़ने के लिए गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठा रहे हैं।
ऑनलाइन गेमिंग का बढ़ता दायरा
- वैश्विक स्तर पर, COVID-19 महामारी के बाद ऑनलाइन गेमिंग में काफ़ी वृद्धि हुई है। भारत ने भी, COVID-19 महामारी के दौरान सस्ते स्मार्टफ़ोन, कम डाटा लागत और सामाजिक बदलावों के कारण इस क्षेत्र में विस्फोटक वृद्धि देखी है।
- भारतीय गेमिंग सेक्टर में वित्त वर्ष 2025 तक 20 % की वृद्धि होने का अनुमान है, जो अनुमानित 253 बिलियन रुपये तक पहुँच जाएगा। यह तेज़ी से बढ़ते गेमिंग परिदृश्य को दर्शाता है।
- भारत में मोबाइल गेम डाउनलोड वर्ष 2022 में 5.2 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2023 में 9.66 बिलियन तक पहुँच गया।
- इसमें लूडो किंग और फ़्री फ़ायर मैक्स जैसे लोकप्रिय गेम इस अभूतपूर्व वृद्धि में योगदान दे रहे हैं।
गेमिंग प्लेटफॉर्म पर चरमपंथी गतिविधियाँ
- आतंकवादी संगठन और चरमपंथी समूह भर्ती और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म का तेज़ी से लाभ उठा रहे हैं।
गेमिंग संपत्तियों के प्रकृति में बदलाव
- इन रणनीतियों में चरमपंथी मूल्यों को प्रतिबिंबित करने के लिए इन-गेम संपत्तियों संपत्तियों जैसे- चरित्र की त्वचा का रंग, वातावरण एवं कहानी को संशोधित करना शामिल है।
- ग्लोबल प्रोजेक्ट अगेंस्ट हेट एंड एक्सट्रीमिज़्म के अनुसार, काउंटर-स्ट्राइक: ग्लोबल ऑफ़ेंसिव (CS: GO) जैसे चरमपंथी-संशोधित गेम श्वेत चरमपंथी कथानक पेश करते हैं, जिससे ऐसा माहौल बनता है जहाँ खिलाड़ी इन मान्यताओं का सामना कर सकते हैं या यहाँ तक कि निष्क्रिय रूप से अपना भी सकते हैं।
- कॉल ऑफ़ ड्यूटी जैसे गेम में इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा राजनीतिक या राष्ट्रवादी ओवरटोन के साथ संशोधन भी देखे गए हैं, जिससे कट्टरपंथी विचारधाराएँ लगातार सामने आने के कारण सामान्य लगती हैं।
- ये आभासी गेम खिलाड़ियों को लंबे समय तक व्यस्त रखते हैं, जिससे चरमपंथियों द्वारा खिलाड़ियों के ब्रेनवाश करने की संभावनाओं में वृद्धि करते हैं।
- इसके अतिरिक्त, वीआरचैट जैसे वर्चुअल रियलिटी (VR) गेम, जो वास्तविक समय और व्यक्तिगत बातचीत की अनुमति देते हैं, चरमपंथियों को युवा एवं संवेदनशील खिलाड़ियों को भर्ती करने का एक अवसर प्रदान करते हैं।
लामबंदी और प्रशिक्षण
- कुछ गेम प्रशिक्षण मैदान के रूप में कार्य करते हैं जहाँ चरमपंथी युद्ध या समन्वय रणनीति का अनुकरण करते हैं।
- वे हमलों का अभ्यास करने या रणनीतियों को परिष्कृत करने के लिए इन-गेम वातावरण का उपयोग करते हैं।
- उदाहरण के लिए, आर्मा 3 और एस्केप फ्रॉम टारकोव जैसे गेम आभासी प्रशिक्षण मैदान बन गए हैं जहाँ उपयोगकर्ता यथार्थवादी वातावरण में सामरिक जुड़ाव का अनुकरण कर सकते हैं।
- चरमपंथी इन खेलों का उपयोग रणनीति का अभ्यास करने और वास्तविक दुनिया की स्थितियों से प्रेरित होकर भूमिका निभाने के लिए करते हैं।
वित्तीय धोखाधड़ी और साइबरबुलिंग
- चरमपंथियों ने मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी वाले लेन-देन के लिए इन-गेम मुद्रा (Currency) प्रणालियों और आइटम मार्केटप्लेस का भी लाभ उठाया है।
- उदाहरण के लिए, काउंटर-स्ट्राइक: ग्लोबल ऑफेंसिव में, हथियार स्किन मार्केटप्लेस का इस्तेमाल अवैध व्यापार एवं मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए किया गया है।
- अल क़सम ब्रिगेड, हमास, अल-कायदा, आईएसआईएस और हिज़्बुल्लाह जैसे आतंकवादी संगठन साइबर धोखाधड़ी, प्रचार और शूटिंग अभ्यास और युद्ध जैसे प्रशिक्षण के लिए खिलाड़ियों को निशाना बनाते हैं।
- गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कमज़ोर व्यक्तियों को अलग-थलग करने और उन्हें चरमपंथी समूहों में खींचने के लिए किया जाता है, जहाँ उन्हें सुरक्षा और अपनेपन का एहसास हो सकता है।
गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर खतरों का मुकाबला करने में चुनौतियाँ
- गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर चरमपंथ का मुकाबला करने में एक प्रमुख चुनौती इन डिजिटल वातावरण में बनाई और साझा की जाने वाली सामग्री की मात्रा है।
- Roblox और GTA V जैसे गेम विशाल सैंडबॉक्स वातावरण प्रदान करते हैं जहाँ उपयोगकर्ता स्वतंत्र रूप से सामग्री को संशोधित कर सकते हैं, जिससे डेवलपर्स के लिए वास्तविक समय में सभी गतिविधियों की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है।
- चरमपंथी सामग्री को पहचानने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित पहचान प्रणाली लगातार विकसित की जा रही है।
- फिर भी, ये प्रौद्योगिकियाँ चरमपंथी रणनीति एवं गोपनीयता तथा डाटा पहुँच सीमाओं के तेज़ी से विकास द्वारा सीमित हैं।
- प्राय: गेमिंग कंपनियों को चरमपंथ से निपटने के लिए अधिक समर्पित संसाधनों की आवश्यकता होती है।
- ऐसे में कंपनियाँ समुदाय की सुरक्षा की तुलना में इन-गेम मुद्रीकरण पर अधिक ध्यान केंद्रित करती हैं। चरमपंथी समूह इस अंतर का फायदा उठाते हैं।
विभिन्न सरकारों द्वारा की गई पहलें
सरकारें और गेमिंग कंपनियाँ विभिन्न विनियामक उपायों और सक्रिय रणनीतियों के माध्यम से गेमिंग में चरमपंथ के बढ़ते खतरे को दूर करने के लिए काम कर रही हैं।
भारत
- भारत के सूचना प्रौद्योगिकी नियम,2021 यह अनिवार्य करते हैं कि प्लेटफ़ॉर्म चरमपंथ सहित अवैध सामग्री को ट्रैक करें और रिपोर्ट करें।
- हालाँकि, मोबाइल गेमिंग का विशाल पैमाना भारत के लिए अद्वितीय प्रवर्तन चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है।
अमेरिका
वर्ष 2021 में, यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी ने गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर चरमपंथी गतिविधियों की पहचान करने और रिपोर्ट करने के लिए टेक कंपनियों के साथ सहयोग करने के लिए समर्पित एक टास्क फ़ोर्स लॉन्च किया।
यूरोपीय संघ
- वर्ष 2022 में पारित यूरोपीय संघ के डिजिटल सेवा अधिनियम के अनुसार, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को जोखिम आकलन करने और सामग्री मॉडरेशन को लागू करने की आवश्यकता होती है।
- फिर भी, इन मानकों का प्रवर्तन सदस्य देशों में भिन्न हो सकता है।
अन्य देश
- सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने डिजिटल सामग्री विनियमन को लागू करना शुरू कर दिया है।
- हालाँकि ये चरमपंथ के बजाय प्राय: साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसके कारण उत्पन्न विनियामक अंतराल का चरमपंथी समूह लाभ उठाते हैं।
आगे की राह
- गेमिंग डेवलपर्स चरमपंथी सामग्री का पता लगाने और उसे हटाने के लिए उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं।
- इन एल्गोरिदम को नियमित रूप से अपडेट करना आवश्यक है, क्योंकि चरमपंथी निरंतर अपने तरीकों को बदलते रहते हैं।
- सामुदायिक मानकों की स्थापना और संचार करना जो स्पष्ट रूप से चरमपंथ एवं अभद्र भाषा को प्रतिबंधित करके सुरक्षा में वृद्धि करते हैं।
- डेवलपर्स को लगातार मॉडरेटर को विकसित हो रहे चरमपंथी व्यवहारों को पहचानने और संबोधित करने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।
- डेवलपर्स को मॉडरेशन सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही AI डिटेक्शन टूल का उपयोग करना चाहिए और चरमपंथ विरोधी विशेषज्ञों के साथ काम करना चाहिए।
- नीति निर्माताओं को प्लेटफ़ॉर्म को जवाबदेह ठहराने के लिए नियम स्थापित करने चाहिए ताकि गेमिंग समुदाय सतर्क होकर संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करे।
- गेमिंग को एक सकारात्मक स्थान के रूप में संरक्षित करने के लिए सामूहिक सतर्कता, अभिनव मॉडरेशन और मजबूत शोषण विरोधी उपायों की आवश्यकता है।
- कंपनियों, सरकारों और सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच घनिष्ठ सहयोग के माध्यम से, गेमिंग चरमपंथी प्रभाव से मुक्त एक सुरक्षित और आकर्षक वातावरण बना रह सकता है।
निष्कर्ष
वीडियो गेम सामाजिक रूप से जुड़े प्लेटफ़ॉर्म में विकसित हो गए हैं, जिसका चरमपंथी समुदाय द्वारा कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जा रहा है। गेमिंग के आभासी वातावरण और गुमनामी का लाभ उठाकर, चरमपंथी समूह दुनिया भर में संवेदनशील व्यक्तियों को आसानी से प्रेरित करते हैं। इस खतरे के लिए गेमिंग इकोसिस्टम में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।