चर्चा में क्यों
हाल ही में, राष्ट्रीय महिला आयोग ने ‘भारत में ट्रांसवुमन, समावेशन वृद्धि : समस्याएँ और संभावनाएँ’ का आयोजन किया।
उद्देश्य
- इस समुदाय के व्यक्तियों से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना
- समाज में उनकी स्वीकृत एवं भागीदारी के संबंध में जागरूकता का विस्तार करना
- उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सामना की जा रही समस्याओं का विश्लेषण करना
- ट्रांसवुमन के कल्याण के लिये भविष्य के निर्देशों व नीतिगत प्रस्तावों पर चर्चा करना।
अन्य प्रयास
- देश में ट्रांसवुमन और अन्य समकक्ष समुदायों के अधिकारों के संरक्षण एवं सुरक्षा के उद्देश से ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण)अधिनियम, 2019 लागू किया गया है।
- साथ ही, गरिमा गृह योजना का संचालन भी किया जा रहा है जिसकाउद्देश्यट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिये आश्रय, भोजन, चिकित्सा और मनोरंजन जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना है।
- 08 सितम्बर को उच्चतम न्यायालय ने मुख्यत: नागरिक उड्डयन उद्योग में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिये नीतिगत प्रारूप तैयार करने का आदेश दिया है। इसके लिये सरकार को तीन माह का समय दिया गया है।
ट्रांसवुमनसमुदाय के कल्याण के लिये सुझाव
- ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियमके उचित कार्यान्वयन की आवश्यकता
- ट्रांसवुमन के लिये कौशल निर्माण कार्यशालाएँ आयोजित करना
- चिकित्सा व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तथा बीमा तक पहुंच सुनिश्चित करना
- छात्रों और शिक्षकों को इस समुदाय के प्रति संवेदनशील बनाना
- स्कूलों में एक समावेशी पाठ्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता
- ट्रांसजेंडर समुदाय में स्कूल ड्रॉपआउट रेट बहुत अधिक है।
- ट्रांसवुमन की समस्याओं के समाधान के लिये एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन स्थापित करना।