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चंडीगढ़ को पंजाब का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव

चर्चा में क्यों

हाल ही में, पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में चंडीगढ़ को पंजाब राज्य का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके कुछ दिनों बाद हरियाणा विधानसभा ने इसके विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया। चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है।

चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियम 

  • उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने कुछ समय पूर्व चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू होने की घोषणा की थी। इसके अनुसार, चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करने वालों के समान वेतन और अन्य लाभ प्राप्त होंगे। 
  • इन नियमों के तहत चंडीगढ़ के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी जाएगी तथा महिला कर्मचारियों को मौजूदा एक वर्ष के बजाए दो वर्ष का शिशु देखभाल अवकाश (Childcare Leave) प्राप्त होगा।

पंजाब पुनर्गठन अधिनियम औरचंडीगढ़ की स्थिति

  • पंजाब को ‘पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966’ के माध्यम से पुनर्गठित किया गया था, जिसके तहत पंजाब राज्य को हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पुनर्गठित किया गया तथा इसके कुछ हिस्सों को तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश को दे दिया गया।
  • पंजाब के प्रस्ताव के अनुसार, चंडीगढ़ प्रशासन का प्रबंधन पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों द्वारा 60:40 के अनुपात में किया जाता रहा है
  • इससे पूर्व पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को पंजाब में शामिल करने की मांग वाले छह प्रस्ताव पारित किये जा चुके हैं। 18 मई, 1967 को पारित पहला प्रस्ताव एक गैर-आधिकारिक प्रस्ताव था। 23 दिसंबर, 2014 को छठा प्रस्ताव पारित किया गया था। 
  • उल्लेखनीय है कि शाह आयोग ने चंडीगढ़ को हरियाणा में शामिल करने की सिफारिश की थी। हरियाणा द्वारा सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर के निर्माण और हिंदी भाषी क्षेत्रों को राज्य को स्थानांतरित करने का मुद्दा उठाया जा रहा है। 
  • विदित है चंडीगढ़ में शीर्ष अधिकारियों को ए.जी.एम.यू.टी. (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों- AGMUT) कैडर से लिया जाता है।
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