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प्लास्टिक प्रदूषण पर प्रस्तावित वैश्विक संधि

संदर्भ

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA) ने प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिये वर्ष 2024 तक एक कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय संधि को लागू करने हेतु एक ऐतिहासिक संकल्प ‘प्लास्टिक प्रदूषण समाप्ति: एक अंतर्राष्ट्रीय  बाध्यकारी कानूनी साधन की ओर’ (End plastic pollution: Towards an international legally binding instrument) को अपनाया है।

वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संधि हेतु संकल्प

  • इस संकल्प को केन्या के नैरोबी में यू.एन.ई.ए. के पाँचवे सत्र में अपनाया गया है जिस पर 175 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा सहमति व्यक्त की गई है।
  • यह संकल्प प्लास्टिक प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कुशलतापूर्वक कम करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • यह संकल्प प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिये एक अंतर सरकारी वार्ता समिति (Intergovernmental Negotiating Committee: INC) की स्थापना करता है, जिसके द्वारा वर्ष 2024 तकप्लास्टिक प्रदूषण के लियेएकमसौदा प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रस्तावित संधि के प्रमुख तत्व

  • यह संधि पर्यावरण प्रदूषण और उनके प्रभावों से निपटने के लिये उत्पाद डिजाइन से लेकर अपशिष्ट प्रबंधन तकप्लास्टिक के पूरे जीवन चक्रपर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • इसमें पुन: उपयोग एवं पुनः चक्रीय उत्पादों और सामग्रियों के डिजाइन तथा सदस्य राष्ट्रों के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के लिये बेहतर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को शामिल किया जाएगा।
  • इस संधि में वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करने और इसके कार्यान्वयन के लिये वित्तीय मदद करने संबंधी तंत्र शामिल होंगे। यह पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिये स्वदेशी समुदायों और उनकी सदियों पुरानी प्रथाओं के महत्व की पहचान करता है और आई.एन.सी. द्वारा इन समुदायों के ज्ञान को ध्यान में रखने का आह्वान करता है।
  • यह संधि प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में राष्ट्रीय कार्य योजनाओं, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सहकारी उपायों को ध्यान में रखेगी। इसके अतिरिक्त यह सदस्य राष्ट्रों के लिये प्रगति मूल्यांकन को शामिल करने पर भी विचार करेगी।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा की 5वीं बैठक

  • इस बैठक का विषय ‘सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये प्रकृति से संबंधित कार्यो को मजबूत करने की आवयश्कता’(StrengtheningActions for Nature to Achieve the SustainableDevelopmentGoals) है।
  • इसी दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य मेंएक विशेष सत्रयू.एन.ई.पी.@50का आयोजन भी किया गया।विदित है किवर्ष 1972 में स्थापित यू.एन.ई.पी. का मुख्यालय नैरोबी (केन्या) में है। 

निष्कर्ष

प्लास्टिक प्रदूषण के संकट से निपटने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा द्वारा प्रस्तावित यह संधि एक अभूतपूर्व प्रयास है। यह संधि न केवल पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकास के साथ ही वर्ष 2030 के सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।

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