New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 March, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30 March, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 March, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30 March, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

 निरोध एवं गिरफ्तारी से संरक्षण

प्रारम्भिक परीक्षा – निरोध एवं गिरफ्तारी से संरक्षण
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 (शासन व्यवस्था)

संदर्भ

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कठोर निवारक निरोध कानूनों के तहत सलाहकार बोर्डों को सुरक्षा वाल्व के रूप में कार्य करने की सलाह दी है।

SC

प्रमुख बिंदु :-

  • तेलंगाना पुलिस ने खतरनाक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1986 के तहत एक व्यक्ति को 'गुंडा' के रूप में हिरासत में लेने का आदेश पारित किया था।
  • पुलिस ने दावा किया कि यह व्यक्ति "सार्वजनिक व्यवस्था" के लिए ख़तरा है। 
  • यह व्यक्ति महिलाओं में दहशत और भय का कारण बना हुआ है। 
  • पुलिस द्वारा अपीलकर्ता पर दिन के उजाले में अपने पीड़ितों के 'मंगलसूत्र' छीनने की आदत बनाने का आरोप लगाया गया था।
  • इस आरोप को झूठा बताते हुए अपीलकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

CJI

  • इस याचिका की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की तीन-न्यायाधीश पीठ ने की 
  • सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा,कि एक सलाहकार बोर्ड को इस बात पर विचार करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति की हिरासत क़ानूनी तरीके से सही है या नहीं, इसके बाद कोई रिपोर्ट प्रस्तुत करना चाहिए। 
  • पुलिस ने ऐसी कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई थी, जिसके आधार पर अपीलकर्ता को सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा ठहराया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय :-

  • कोर्ट ने निर्णय दिया कि, अपीलकर्ता के खिलाफ किसी भी FIR में उनका नाम नहीं है, उसे सिर्फ संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया है, इस आधार पर हिरासत के आदेश को रद्द किया जा रहा है।

निरोध एवं गिरफ्तारी से संरक्षण:

इसका उल्लेख भारतीय संविधान के भाग -3 में मौलिक अधिकार(अनुच्छेद 22) के अंतर्गत स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में किया गया है।

ARTICLE22

  • अनुच्छेद 22 के तहत किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी एवं निरोध से संरक्षण प्रदान किया गया है। 
  • अनुच्छेद 22 में हिरासत को दो प्रकारों में विभक्त किया गया हैं-
    • दंड विषयक (कठोर) 
    • निवारक।

दंड विषयक हिरासत:-

  • इसके तहत उस व्यक्ति को दंड दिया जाता है, जिसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया हो या अदालत में उसे दोषी ठहराया जा चुका हो। 

निवारक हिरासत :- 

  • इसके तहत किसी व्यक्ति को बिना किसी सुनवाई के अदालत में दोषी ठहराया गया हो। 
  • इस कानून का उद्देश्य किसी व्यक्ति को पिछले अपराध पर दंडित न कर भविष्य में ऐसे अपराध न करने की चेतावनी देना है। 
  • निवारक हिरासत केवल शक के आधार पर किया जाता है।

(अ) अनुच्छेद 22 का पहला भाग उस व्यक्ति को जिसे साधारण कानून के तहत हिरासत में लिया गया निम्नलिखित अधिकार उपलब्ध कराता है:

(ब) अनुच्छेद 22 का दूसरा भाग उन व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करता है, जिन्हें दंड विषयक कानून के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है:

(i) गिरफ्तार करने के आधार पर सूचना देने का अधिकार ।

(i) निरोध का आधार संबंधित व्यक्ति को बताया जाना चाहिए (सार्वजनिक हितों के विरुद्ध इसे बताना आवश्यक नहीं है)। 

(ii) विधि व्यवसायी से परामर्श और प्रतिरक्षा कराने का अधिकार।

(ii) निरोध वाले व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह निरोध के आदेश के विरुद्ध अपना प्रतिवेदन करे।

(iii) दंडाधिकारी (मजिस्ट्रेट) के सम्मुख 24 घंटे में, यात्रा के समय को मिलाकर पेश होने का अधिकार।

(iii) व्यक्ति की हिरासत तीन माह से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती, जब तक कि उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश वाली सलाहकार बोर्ड इस बारे में उचित कारण न बताए।

(iv) दंडाधिकारी द्वारा बिना अतिरिक्त निरोध दिए 24 घंटे में रिहा करने का अधिकार।

यह सुरक्षा कवच विदेशी व्यक्ति या निवारक हिरासत कानून के अन्तर्गत गिरफ्तार व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

यह सुरक्षा नागरिक एवं विदेशी दोनों के उपलब्ध है।

NOTE:- 

  • अनुच्छेद 22 का प्रथम भाग 'गिरफ्तारी और निरोध' न्यायालय के आदेश के अंतर्गत गिरफ्तारी, जन-अधिकार गिरफ्तारी, आयकर न देने पर गिरफ्तारी एवं विदेशी के पकड़े जाने पर लागू नहीं होता।
  • इसका प्रयोग केवल आपराधिक क्रियाओं या सरकारी अपराध प्रकृति एवं कुछ प्रतिकूल सार्वजनिक हितों पर हो सकता है।

प्रारम्भिक परीक्षा प्रश्न : निरोध एवं गिरफ्तारी से संरक्षण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. इसका उल्लेख भारतीय संविधान के भाग -3 में मौलिक अधिकार के अंतर्गत स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में किया गया है। 
  2. इसका उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 में किया गया है। 
  3. इसके तहत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तारी एवं निरोध से संरक्षण प्रदान किया गया है। 

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो 

(c) सभी तीन  

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर (c)

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR