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ओलिव रिडले कछुओं की सुरक्षा

चर्चा में क्यों?

  • वन अधिकारियों ने ओडिशा के गंजम जिले में रुशिकुल्या नदी के मुहाने के पास गोखरकुडा से बटेश्वर तक 5 किलोमीटर के क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • ओलिव रिडले कछुओं के संरक्षण के लिए भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों का पालन करते हुए इस क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंध लगाया गया है।
  • 16 से 23 फरवरी के बीच सामूहिक घोंसले के दौरान कुल 6,98,718 मादा ओलिव रिडले कछुओं ने अंडे दिए थे।
  • कछुआ विशेषज्ञों के अनुसार, 45-50 दिनों के भीतर इन अंडों से बच्चे निकलेंगे।

 ओलिव रिडले कछुए:

  • इसका वैज्ञानिक नाम लेपिडोचिल्स ओलिवेसिया है।
  • वयस्क कछुए की लंबाई 60-70 सेमी और वजन 70 किलोग्राम तक होता है।
  • ऑलिव रिडले के बच्चे लगभग 25 मिमी लंबे और वजन 15-20 ग्राम के होते हैं।
  • ये मुख्य रूप से प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के गर्म पानी में पाए जाते हैं।

संरक्षण की स्थिति:

  • यह आईयूसीएन रेड लिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) के रूप में दर्ज हैं।
  • CITES के परिशिष्ट- I में उल्लिखित हैं।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची- 1 में अंकित हैं।

प्रश्न. हाल ही में वन अधिकारियों ने ओडिशा के गंजम जिले में रुशिकुल्या नदी के मुहाने पर 5 किलोमीटर के क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है; इसका मुख्य उद्देश्य क्या है?

(a) तटीय क्षेत्र का विस्तार करना

(b) कछुओं के अंडों की सुरक्षा सुनिश्चित करना

(c) मत्स्य पालन को बढ़ावा देना

(d) पर्यटन को प्रोत्साहित करना

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