(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं पारिस्थिकी) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में बेंगलुरु स्थित अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट के कीट विज्ञानियों ने अरुणाचल प्रदेश में ‘पॉटर ततैया’ (potter wasp) की एक नई प्रजाति ‘स्यूमेनेस सियांगेंसिस’ की खोज की है।
‘स्यूमेनेस सियांगेंसिस’ के बारे में
- नामकरण : इस प्रजाति का नामकरण अरुणाचल प्रदेश की ऊपरी सियांग घाटी के नाम पर रखा गया है।
- वंश और कुल : यह स्यूमेनेस वंश के यूमेनिनाई उपपरिवार से संबंधित है।
- विस्तार : यह प्रजाति मुख्य रूप से ओरिएंटल क्षेत्र में पाई जाती है, जिसमें एशिया का अधिकांश भाग शामिल है।
- वैश्विक स्तर पर, पॉटर ततैया की लगभग 3,795 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है, जो इस समूह के भीतर विशाल विविधता को उजागर करता है।
- भारत में इसकी केवल कुछ ही प्रजातियाँ पाई गई हैं। नवीनतम खोजी गई प्रजाति भारत में दर्ज की गई स्यूमेनेस की दूसरी प्रजाति है ।
- विशेषताएँ :
- इस प्रजाति की लंबाई लगभग 30.2 मिमी. है। यह विशिष्ट रूपात्मक विशेषताओं और रंग पैटर्न के कारण अन्य प्रजातियों से भिन्न है।
- ततैया की यह प्रजाति अकेले रहना पसंद करती है इन्हे उनके छोटे बर्तन जैसी मिट्टी की संरचनाओं के निर्माण से पहचाना जाता है।
- इन संरचनाओं का उपयोग वे अपने लार्वा के लिए घोंसले के रूप में करती हैं।
- पर्यावरणीय महत्व
- ये प्रजाति पौधों को नुकसान पहुँचने वाले कैटरपिलर और अन्य कीटों को खाकर प्राकृतिक कीट नियंत्रक के रूप में कार्य करते है जो इसकी संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।