प्रारम्भिक परीक्षा – पैरट फीवर (Psittacosis) मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-3 (विज्ञान) |
संदर्भ
- यूरोप में पैरट फीवर के कारण (डेनमार्क में चार और नीदरलैंड में एक) पांच लोगों की मृत्यु हो गई है।
- इसके कई मामले ऑस्ट्रिया, जर्मनी और स्वीडन में देखने को मिले हैं।
पैरट फीवर (Psittacosis) :-
- इस बुखार को सिटाकोसिस भी कहा जाता है।
- यह बुखार क्लैमाइडिया परिवार की बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है।
- यह बैक्टीरिया विभिन्न प्रकार के जंगली और पालतू पक्षियों और जानवरों में पाया जाता है।
- यह बीमारी से संक्रमित पक्षी सामान्यतः बीमार नहीं दिखते हैं, लेकिन जब वे सांस लेते हैं या मलत्याग करते हैं तो वे बैक्टीरिया को बाहर निकाल देते हैं।
- यह बीमारी मनुष्यों में संक्रमित पक्षियों या बैक्टीरियाओं के संपर्क में आने या संक्रमित पशु एवं पक्षियों को खाने से होती है।
- यह पक्षियों के पंखों या मल से दूषित कणों के साँस के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है।
लक्षण :-
- इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और निमोनिया जैसे लक्षण शामिल हैं।
उपचार:-
- इसके उपचार के लिए डॉक्सीसाइक्लिन या टेट्रासाइक्लिन जैसे एंटीबायोटिक्स दो से तीन सप्ताह तक मौखिक रूप से दिया जाता है।
- पक्षियों को छूने के बाद हाथ को अच्छी तरह से धोना।
- निवास स्थान को सवच्छ रखना।
- बीमार पक्षियों के निकट संपर्क से बचना।
- पक्षियों के पिंजरों की सफाई करते समय सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करना।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : हाल ही में किस महाद्वीप में पैरट फीवर (Psittacosis) के मामले सामने आये?
(a) रूस
(b) यूरोप
(c) जापान
(d) ऑस्ट्रेलिया
उत्तर (b)
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स्रोत : THE HINDU