केरल की सांस्कृतिक राजधानी त्रिशूर में पुलिकली नृत्य का आयोजन किया गया।
पुलिकली नृत्य के बारे में
- क्या है : केरल की पारंपरिक लोकनृत्य कला
- इसे बाघ नृत्य के रूप में भी जाना जाता है।
- आयोजन : केरल के प्रमुख वार्षिक फसलोत्सव ओणम के समापन अवसर पर
- मुख्य विषय : बाघ का शिकार करना
- इसमे कलाकार बाघ एवं शिकार दोनों का चरित्र निभाते हैं औए मेकअप के लिए ऑयल पेंट का प्रयोग होता है।
- प्रारंभ : कोचीन के तत्कालीन महाराजा राम वर्मा सक्थन थंपुरन द्वारा लगभग 200 वर्ष पूर्व
- कलाकार : प्राय: पुरुष एवं बच्चों की सहभागिता
- वाद्ययंत्र : चेंडा एवं चेंगीला जैसे वाद्ययंत्रों की थाप पर कलाकार द्वारा नृत्य