केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दलहन आत्मनिर्भरता मिशन (Mission for Aatmanirbharta in Pulses) की घोषणा की है।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के बारे में
- उद्देश्य : दालों के उत्पादन एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना
- समयावधि : 6 वर्ष
- बजट आवंटन : 1,000 करोड़ रुपए
- लक्ष्य : वर्ष 2029 तक देश में दालों की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारत की निर्भरता को समाप्त करना
- विशेष फोकस : व्यापक रूप से उपभोग वाली तीन प्रमुख किस्मों तुअर (अरहर), उड़द एवं मसूर के उत्पादन पर विशेष फोकस
- उपर्युक्त तीन दलहन फसलों के संबंध में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) आधारित खरीद और कटाई के बाद भंडारण समाधान प्रदान किया जाएगा।
![](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images/DALHAN_AATMANIRBHARTA_MISSION.jpg)
क्या आप जानते हैं?
- भारत मुख्यत: कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, मोजाम्बिक, तंजानिया, सूडान एवं मलावी से दालों का आयात करता है।
- पिछले पाँच वर्षों (2018-19 से 2022-23) के दौरान दालों के कुल उत्पादन में 18% की वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2022-23 के उत्पादन अनुमान के आधार पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान देश के शीर्ष तीन दाल उत्पादक राज्य हैं।
- कुल दलहन उत्पादन में विभिन्न फसलों का योगदान : चना (47%) > तुअर (अरहर) > उड़द > मूंग
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