भारत के कृषि उत्पादों को वैश्विक मंच पर लाने के लिए, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने जीआई-टैग वाले पुरंदर अंजीर से बने भारत के पहले पीने के लिए तैयार अंजीर के रस को पोलैंड को निर्यात करने की सुविधा प्रदान की।
पुरंदर अंजीर के बारे में
- पुरंदर अंजीर की खेती महाराष्ट्र के पुणे जिले के पुरंदर तालुक के कई गांवों में की जाती है।
- इसके अनोखे स्वाद और बनावट के लिए जीआई-टैग प्रदान किया गया है।
- स्थानीय जलवायु संबंधी कारक, लाल-काली मिट्टी और नमक रहित कुआं सिंचाई तकनीक इसकी विशेषता को निर्धारित करते हैं।
- किसी विशेष भौगोलिक या मूल स्थान (शहर, क्षेत्र या देश) से संबंधित उत्पादों को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए जीआई-टैग दिया जाता है।
- भारत में जीआई टैग को वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)
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- APEDA की स्थापना भारत सरकार द्वारा दिसंबर, 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी।
- मुख्यालय : नई दिल्ली (इसके 16 क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं)।
- कार्य :
- संयुक्त उद्यमों एवं अन्य राहत व सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से निर्यात के लिए अनुसूचित उत्पादों से संबंधित उद्योगों के विकास को बढ़ावा देना
- निर्यात के उद्देश्य से अनुसूचित उत्पादों के लिए मानकों और विशिष्टताओं को तय करना तथा निर्यातकों के रूप में व्यक्तियों का पंजीकरण करना
- निर्यात उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और उत्पादों की पैकेजिंग व भारत के बाहर विपणन की सुविधा में सुधार करना
- अनुसूचित उत्पादों से जुड़े उद्योगों के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण और ऐसे अन्य मामले जो उसके समक्ष लाए जायें, निपटारा करना
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