संदर्भ
हाल ही में इसरो ने तीसरी बार पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान पुष्पक RLV-LEX-03 की लैंडिंग का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
हालिया परीक्षण
- लैंडिंग प्रयोग की श्रृंखला में तीसरा और अंतिम परीक्षण (लेईएक्स-03) कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनाटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में किया गया।
- आरएलवीलेईएक्स-01 औरलेईएक्स-02 मिशनों की सफलता के बाद आरएलवी लेईएक्स-03 ने अधिक चुनौतीपूर्ण स्थितियों और अत्यधिक तेज हवा की स्थिति में आरएलवी की स्वायत्त लैंडिंग क्षमता का पुन: प्रदर्शन किया।
- लेईएक्स-02 को 150 मीटर की क्रॉस रेंज से छोड़ा गया था, जबकि इस बार क्रॉस रेंज को बढ़ाकर 500 मीटर कर दिया गया।
- 'पुष्पक'(आरएलवी-एलईएक्स-03) का परीक्षण चिनूक हेलीकॉप्टर के द्वारा किया गया।
- इस वाहन का लैंडिंग वेग 320 किमी. प्रति घंटे से अधिक था, जबकि वाणिज्यिक विमान के लिए यह 260 किमी. प्रति घंटे होता है
- इस मिशन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सहयोग से पूरा किया।
पुष्पक प्रक्षेपणयान के बारे में
- यह एक ऑटोमेटेड रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल(RLV) है।
- इस विमान का नाम भगवान राम द्वारा श्रीलंका से अयोध्या लौटते समय उपयोग किये गए पुष्पक विमान के नाम पर रखा गया है।
- यह विशेष स्पेस शटल पूरी तरह से स्वदेशी है।
- यह स्वायत्त रूप से नेविगेट करके और रनवे पर सटीकता के साथ लैंडिंग करने में सक्षम है।