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क़नात प्रणाली (Qanat System)

प्रारम्भिक परीक्षा – क़नात प्रणाली (Qanat System)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 

संदर्भ

पर्यावरण वैज्ञानिक और भूजल प्रबंधन विशेषज्ञों के अनुसार, अफ्रीका के शुष्क या  न्यूनतम वर्षा वाले भागों में " क़नात प्रणाली " सिंचाई के लिए सहायक हो सकती है।

Qanat-System

क़नात प्रणाली :- 

  • यह एक भूमिगत जलसेतु या जल के भंडार है, जिन्हें जलभृत के रूप में जाना जाता है। 
  • इसका उपयोग गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने में किया जाता है।
  • इस प्रणाली के माध्यम से भूमिगत सुरंगों का उपयोग करके पानी को कई किलोमीटर तक ले जाया जा सकता है। 

कनात प्रणाली का विकास :- 

  • इसका विकास ईसा पूर्व पहली सहस्राब्दी में फारस में हुआ था।
  • क़नात प्रणाली का उपयोग पानी की सीमित आपूर्ति वाले स्थानों उत्तरी अफ़्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के शुष्क और अर्ध-शुष्क भागों में किया जाता था।
  • वर्तमान में कुछ क़ानत प्रणालियाँ ईरान में विरासत के तौर पर संरक्षित हैं।

इस प्रणाली के अन्य नाम:-

  • उत्तरी अफ्रीका में "फोगारा" 
  • ओमान में "फलाज" 
  • एशिया के कुछ हिस्सों में "क़रेज़"।

कनात प्रणाली के उपयोग से लाभ :-

  • इस प्रणाली में बिजली की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इसका उपयोग स्वच्छ ऊर्जा बनाने के लिए भी किया जाता है। 
  • ईरान में क़नात सुरंगों से निकलने वाली ठंडी हवा का उपयोग बड़ी इमारतों के अंदरूनी हिस्से को ठंडा करने के लिए किया जाता है।
  • सतही जल आपूर्ति की तुलना में वाष्पीकरण के कारण पानी की बर्बादी न्यूनतम होती है।
  • क़नात कई किलोमीटर लंबे होते हैं, जिससे एक बार जब यह पानी बाढ़ के मैदान में पहुंच जाता है, तो यह कई हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर सकता है।
  • यह प्रणाली में विभिन्न कौशल वाले कई लोग सिस्टम को बनाए रखने में शामिल होते हैं, जिससे सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलाता है। 
  • इस प्रणाली का जीवनकाल कुएं से भी अधिक होता है। 
  • पहाड़ी कनात से आने वाले पानी की गुणवत्ता मैदानी इलाकों के पानी की तुलना में अत्यधिक स्वच्छ होती है। 
  • इसमें लवणता कम होती है, जिससे ये फसलों और लोगों के लिए उपयुक्त होते हैं। 

कनात प्रणाली का उपयोग नहीं करने के कारण :-

  • क़नात में पानी के प्रवाह के लिए भू-जल का स्तर भी महत्वपूर्ण होता है, जिन क्षेत्रों में भू-जल स्तर कम है, उन क्षेत्रों में इसका निर्माण नहीं किया जा सकता है। 
  • क़नात में पानी की मात्रा वर्षा पर निर्भर होती है, अफ्रीका एवं शुष्क क्षेत्रों में वर्षा की मात्र कम है, इसलिए इन क्षेत्रों में इसका निर्माण नहीं क्या जा सकता है।
  • क़नात केवल वहीं बनाई जा सकती है जहां ढलान हो, जैसे- पहाड़ या घाटी। 
  • क़ानात में स्थित पानी का जमीन में खनिजों के साथ संपर्क होने के कारण रासायनिक रूप से हानिकारक हो सकता है।
  • इस प्रणाली के निर्माण में गहन श्रम एवं अत्यधिक समय की आवश्यकता होती है। 
  • क़नात कई किलोमीटर की दूरी तय करते हैं और हर साल जमा हुई गाद को साफ करके इसका रखरखाव करने की आवश्यकता होती है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- कानात प्रणाली के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 

  1. यह एक भूमिगत जल के भंडार है, जिन्हें जलभृत के रूप में जाना जाता है। 
  2. इसका उपयोग गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने में किया जाता है।
  3. इस प्रणाली में बिजली की अत्यधिक आवश्यकता होती है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तर - (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- कानात प्रणाली क्या है? यह शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में सहायक है? मूल्यांकन कीजिए।

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