(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सामयिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2: विषय-द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार, भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।)
- हाल ही में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की जापान में एक बैठक सम्पन्न हुई।
- कोरोना महामारी की वजह से जब बड़े से बड़े अंतरराष्ट्रीय मंचों की वर्चुअल बैठकें हो रही हैं, तब जापान, आस्ट्रेलिया, भारत व अमेरिका के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को टोक्यो में हुई बैठक के कई मायने हैं।
- चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के खिलाफ अब इन चारो देशों की एकजुटता आने वाले दिनों में और मज़बूत ही होगी।
प्रमुख बिंदु:
- बैठक के केंद्र में हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र को दुनिया के सभी देशों के लिये एक समान अवसर वाले क्षेत्र के तौर पर आगे बढ़ाने की रणनीति रही है।
- दूसरा मुख्य मुद्दा चारों देशों की अगुवाई में एक नई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करना है। यह स्पष्ट है कि इन दोनों मुद्दों का सीधा सम्बंध चीन से है।
- क्वाड यानी क्वाडिलैटेरल सिक्योरिटी डायलॉग के तहत चारों सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की यह दूसरी बैठक थी। इस दौरान यह फैसला किया गया अब हर वर्ष यह बैठक होगी।
- बैठक में क्वाड में दूसरे देशों को शामिल करने के मुद्दे पर भी सदस्यों के बीच बात हुई है। साथ ही भारत, जापान, अमेरिका के बीच होने वाले नौ-सैनिक अभ्यास में आस्ट्रेलिया को शामिल करने का मुद्दा भी उठा। चारो देशों ने कहा है कि वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी रणनीतिक समझ को समय के साथ और बढ़ाएंगे।
आपूर्ति श्रृंखला में चीन के वर्चस्व का विकल्प तैयार करना:
- माना जा रहा है कि चिकित्सा क्षेत्र में नई सप्लाई चेन बनने से सबसे ज़्यादा फायदा भारत को होगा। बैठक में जहाँ अमेरिकी विदेश मंत्री ने कोरोना के लिये सीधे तौर पर चीन पर हमला बोला तो बैठक के बाद आस्ट्रेलिया का बयान चीन को लेकर सबसे तल्ख रहा।
- चीन की तरफ से हाल के महीनों में कई देशों के साथ भौगोलिक कब्ज़े को लेकर पुराने विवादों को उठाने का ज़िक्र आस्ट्रेलिया ने किया है और कहा है कि महामारी के समय यह आवश्यक है कि कोई देश पुराने लम्बित मुद्दों को भड़काने की कोशिश न करे और तनाव को कम करने की कोशिश करे।
- आस्ट्रेलिया ने चीन के द्वारा दक्षिण चीन सागर के मामले में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फैसला नहीं मानने का मुद्दा भी उठाया है। आस्ट्रेलिया ने यह भी कहा है कि चारों देशों के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन बनाने की भी सहमति बनी है।
- ध्यातव्य है कि चीन वर्ष2013 से वर्ष2017 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा, अब दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
- ऑस्ट्रेलिया के कुल निर्यात का लगभग आधा (48.8 प्रतिशत) चीन को जाता है।
- चीन-जापान द्विपक्षीय व्यापार 2019 में 317 अरब डॉलर का था जो जापान के कुल व्यापार का 20% है।
- अमरीका-चीन ट्रेड वॉर के बावजूद वर्ष2019 में द्विपक्षीय व्यापर 558 अरब डॉलर का था, जिसमें सेवाएँ शामिल नहीं हैं।
- इस वर्ष जुलाई तक चीन-अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 290 अरब डॉलर से अधिक था।
प्रारम्भिक परीक्षा के लिये फैक्ट:
क्वाड(Quad):
- ‘क्वाड’ चार देशों- भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का एक संयुक्त समूह है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता, कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये इन देशों ने हाथ मिलाया था। ध्यातव्य है कि हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ समुद्री हिस्सों को हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo- Pacific Area) कहते हैं। वर्तमान में इस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 38 देश शामिल हैं।
- जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्त्व के कारण उत्पन्न हो रही भू-राजनैतिक और भू-रणनीतिक चिंताओं की वजह से वर्ष 2007 में भारत, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्वकर्त्ताओं के साथ मिलकर रणनीतिक वार्ता के रूप में ‘क्वाड’ नामक अनौपचारिक समूह की शुरुआत की थी।
- वर्ष 2008 में ऑस्ट्रेलिया इस ग्रुप से बाहर हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप ‘क्वाड’ का सिद्धान्त शिथिल पड़ गया था किंतु वर्ष 2017 में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मिलकर ‘क्वाड’ को ‘क्वाड’ 2.0 के रूप में फिर से पुनर्जीवित किया था। क्वाड का चीन के अलावा रूस भी विरोध करता है।
- आसियान के अधिकतर देश ‘क्वाड’ का खुलकर समर्थन करते हैं, जबकि कुछ देश चीन के दबाव में कम प्रतिक्रिया देते हैं।