(प्रारंभिक परीक्षा : प्रश्नपत्र-1 : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।)
संदर्भ
हाल ही में, चतुर्भुज सुरक्षा संवाद समूह अर्थात् क्वाड समूह की चौथी बैठक का आयोजन टोक्यो (जापान) में किया गया, जहाँ क्वाड देशों (अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया) ने एक स्वतंत्र और प्रभावरहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक साथ काम करने, चीन के बढ़ते प्रभुत्त्व को संतुलित करने और जलवायु परिवर्तन की चुनौती का मिलकर सामना करने पर प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
बैठक के मुख्य निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध एवं क्वाड
- यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने पुरानी विश्व व्यवस्था के खोखलेपन को उजागर किया है तथा वैश्विक भू-राजनीति के नए आयामों को बनाने की जरुरत को दर्शाया है।
- क्वाड देशों के लिये यूक्रेन में युद्ध एक आंतरिक चुनौती बन गया है। तीन सदस्यों - अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया - ने रूस की आक्रामकता के खिलाफ एक स्पष्ट रुख अपनाया है, जबकि भारत की स्थिति ‘तटस्थता’ की रही है जो क्षेत्रीय संप्रभुता, अखंडता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सम्मान की मांग करती है, लेकिन रूस की आलोचना नहीं करती है।
चीन की स्थिति
- क्वाड समूह के देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति का एक रणनीतिक संतुलन बनाने के उद्देश्य से जुड़े हुए हैं। यह समूह ‘नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था’ तथा ‘स्वतंत्र और मुक्त’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर देता है, जिसे बीजिंग ‘चीन विरोधी गठबंधन’ के रूप में देखता है।
- चीन का मानना है कि यह समूह "एशियाई नाटो" के रूप में विकसित हो रहा है जबकि यह समूह नाटो के समान कोई पारस्परिक-रक्षा समझौता नहीं है। क्वाड सदस्यों के अनुसार चार देशों के बीच आर्थिक, राजनयिक और सैन्य संबंधों को गहरा करने के लिये इस मंच का विकास किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह के सभी देश चीन की सैन्यीकरण की नीति, आक्रामक विदेश नीति और भारत के लद्दाख सीमा से लेकर पूर्वी एशिया में दक्षिणी चीन सागर तक विस्तार की नीति का विरोध करते हैं।
गैर-सुरक्षा पहल
- यह समूह कोविड वैक्सीन निर्माण एवं वितरण, जलवायु कार्रवाई, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, आपदा प्रतिक्रिया, साइबर सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक सहयोग आदि क्षेत्रों में मिलकर कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- क्वाड देशों ने क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिये अधिक निवेश करने का निर्णय लिया है जिसमें मुख्यतः दक्षिण प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय राष्ट्र शामिल है जो बढ़ते समुद्र स्तर के कारण प्रत्यक्ष रूप से जलवायु परिवर्तन की जोखिमों का सामना कर रहे है।
- क्वाड देशों ने मानवीय सहायता और आपदा राहत के महत्त्व पर भी जोर दिया है, जो "इंडो-पैसिफिक में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पर क्वाड पार्टनरशिप" की स्थापना में प्रदर्शित होता है।
इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (आई.पी.एम.डी.ए.)
- क्वाड देशों ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिये इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस नामक एक नई पहल को शुरू किया है, जो साझेदार देशों को अपने तटों की सीमओं की निगरानी करने और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
- आई.पी.एम.डी.ए. हिंद-प्रशांत देशों और हिंद महासागर क्षेत्र, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह में तकनीक और प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करेगा।
क्या है क्वाड
- क्वाड एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है जिसमें चार राष्ट्र संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। क्वाड का प्राथमिक उद्देश्य स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये कार्य करना है। क्वाड देशों का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक समुद्री मार्गों को किसी भी सैन्य या राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखना है। इसे मूल रूप से चीनी वर्चस्व को कम करने के लिये एक रणनीतिक समूह के रूप में देखा जाता है।
- वर्ष 2007 में इस समूह को औपचारिक रूप दिया गया था। विदित है कि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे वर्ष 2007 में क्वाड के गठन का विचार रखने वाले पहले व्यक्ति थे।
- वास्तव में, इसकी उत्पत्ति का पता मालाबार अभ्यास और वर्ष 2004 में हिंद महासागर क्षेत्र में आए सुनामी से लगाया जा सकता है जब भारत ने अपने और पड़ोसी देशों के लिये राहत और बचाव अभियान चलाया, जिसमें बाद में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो गए।
- लगभग एक दशक तक निष्क्रिय रहने के पश्चात् इस समूह को वर्ष 2017 में पुनर्जीवित किया गया, जो चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रति इस क्षेत्र में बदलते दृष्टिकोण को दर्शाता है।
- इस समूह ने "क्वाड-प्लस" बैठकें भी आयोजित की हैं जिनमें दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और वियतनाम शामिल हैं, जो भविष्य में इस क्षेत्र के विस्तार का आधार बन सकते हैं।
- विदित है कि क्वाड की वर्ष 2021 की बैठक संयुक्त राज्य अमेरीका के वाशिंगटन में आयोजित की गई थी, जबकि अगले वर्ष की बैठक ऑस्ट्रेलिया में संपन्न की जाएगी।