चर्चा में क्यों?
- रैबिट फीवर (टुलारेमिया) पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका में तेजी से बढ़ा है, जिससे यह चिंता का विषय बन गया है।
- अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, 2011 और 2022 के बीच रैबिट फीवर के मामलों में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
टुलारेमिया (Tularemia):
- सामान्य नाम: रैबिट फीवर (Rabbit Fever)
- कारण: Francisella tularensis नामक बैक्टीरिया
- संक्रमण की गंभीरता: एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण
मनुष्य में कैसे फैलता है?
- संक्रमित जानवरों के संपर्क से
- संक्रमित जानवरों जैसे खरगोश, हैरेस (hares), और कृंतक (rodents) के संपर्क में आने से
- सीधा संपर्क:
- अगर कोई व्यक्ति संक्रमित जानवरों के खून, ऊतकों, या अन्य शरीर के भागों के संपर्क में आता है
- अन्य स्रोत:
- टिक और मक्खियों जैसे कीड़ों के काटने
- दूषित पानी या खाद्य पदार्थ का सेवन
- संक्रमित जानवरों के आसपास की हवा में बैक्टीरिया का सांस के साथ शरीर में प्रवेश
नोट: यह मानव से मानव में नहीं फैलता।
टुलारेमिया के प्रारंभिक संकेत और लक्षण:
- इसके प्रारंभिक संकेत और लक्षण संक्रमण के प्रकार और इसके फैलने के मार्ग पर निर्भर करते हैं।
- आमतौर पर संक्रमण के तीन से पांच दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं।
- बुखार अचानक और तीव्र रूप से बढ़ता है, जो 104°F (40°C) तक पहुँच सकता है।
- बुखार के साथ ठंड लगना भी हो सकता है
- फ्लू जैसे लक्षण
- सूजन वाले लिम्फ नोड्स
- सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
- गले में खराश, और सूजन
- कभी-कभी दस्त और उल्टी भी हो सकती है
इलाज (Treatment):
- स्ट्रेप्टोमाइसिन और जेंटामाइसिन:
- ये एंटीबायोटिक्स पहले विकल्प के रूप में उपयोग किए जाते हैं और त्वरित उपचार के लिए प्रभावी होते हैं।
- डॉक्सीसाइक्लिन और सिप्रोफ्लोक्सासिन:
- हल्के मामलों में इनका उपयोग किया जाता है।
प्रश्न. रैबिट फीवर (Tularemia) किस बैक्टीरिया के कारण होता है?
(a) फ्रांसिसेला टुलारेंसिस
(b) स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया
(c) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस
(d) एस्चेरिचिया कोली
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