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रेलटेल को नवरत्न का दर्जा

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में रेलटेल को नवरत्न का दर्ज़ा प्राप्त हुआ। 

रेलटेल

  • यह रेल मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है
  • स्थापना – वर्ष 2000
  • यह देश में सबसे बड़ा तटस्थ दूरसंचार सेवा प्रदाता है
  • यह देश के सभी महत्वपूर्ण कस्बों और शहरों और कई ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करते हुए पूरे भारत में ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क का मालिक है
  • यह भारतीय रेलवे के लिए ट्रेन परिचालन और प्रशासन नेटवर्क प्रणालियों के आधुनिकीकरण का कार्य करता है 
  • यह देश के सभी हिस्सों में राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड दूरसंचार और मल्टीमीडिया नेटवर्क प्रदान करने का कार्य भी करता है।

नवरत्न दर्जा प्राप्त होने के लाभ 

  • केंद्रीय प्राधिकरण से अनुमोदन की आवश्यकता के बिना 1,000 करोड़ तक के महत्त्वपूर्ण निवेश निष्पादित करने का अधिकार 
  • प्रतिवर्ष अपनी नेटवर्थ का 30% तक आवंटित करने की अनुमति, लेकिन यह 1,000 करोड़ से कम रहे।
  • संयुक्त उद्यमों में भाग लेने, साझेदारी बनाने एवं विदेशी सहायक कंपनियाँ स्थापित करने का विकल्प 
  • इसके निदेशक मंडल को भारत एवं विदेशों में विलय तथा अधिग्रहण की अनुमति देने की शक्ति 
  • इसे विदेश में निवेश करने के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी की आवश्यकता होगी 

महारत्‍न, नवरत्‍न तथा मिनीरत्‍न 

  • केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) को उन्हें होने वाले लाभ और नेट वर्थ के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है –
    1. महारत्‍न
    2. नवरत्‍न
    3. मिनीरत्‍न
      • मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I तथा मिनीरत्न श्रेणी-II में वर्गीकृत किया गया है। 

प्रश्न  - रेलटेल की स्थापना कब हुई थी ? 

(a) वर्ष 1980

(b) वर्ष 1990

(c) वर्ष 2000

(d) वर्ष 2010

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