हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 'रेल संशोधन विधेयक 2024' लोकसभा में पेश किया।
प्रमुख बिंदु
भारत में पहली यात्री रेल सेवा वर्ष 1853 में शुरू हुई थी और वर्ष 1890 में रेलवे अधिनियम बनाया गया था।
रेलवे शुरुआत में लोक निर्माण विभाग का एक अंग होता था
वर्ष 1905 में इसे लोक निर्माण विभाग से अलग कर नया रेलवे बोर्ड बनाया गया।
वर्ष 1989 में नया रेलवे अधिनियम कानून लाया गया, लेकिन उसमें 1905 के रेलवे बोर्ड कानून को एकीकृत नहीं किया गया जो कि उसी समय किया जाना चाहिए था।
रेलवे अधिनियम 1989 में भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 को एकीकृत करने के लिए ही यह विधेयक लाया गया है।
इससे दो कानूनों का संदर्भ लेने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
इस विधेयक के पारित होने से रेलवे की क्षमता और विकास में वृद्धि होगी.
प्रमुख प्रावधान
रेलवे बोर्ड एक्ट, 1905 के तहत रेलवे के संबंध में केंद्र सरकार की शक्तियों और कार्य रेलवे बोर्ड में निहित हैं।
यह बिल 1905 के एक्ट को निरस्त करता है और इसके प्रावधानों को रेलवे एक्ट, 1989 में शामिल करता है।
इससे दो कानूनों का संदर्भ लेने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
यह बिल भारतीय रेलवे के मौजूदा संगठनात्मक ढांचे को बरकरार रखता है।
इस विधेयक में रेलवे के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए भी कई उपाय प्रस्तावित हैं –
एक स्वतंत्र नियामक की स्थापना करना
ज़ोन को अधिक अधिकार और स्वायत्तता देना।
रेलवे के वित्त को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों के सुझावों में लेखांकन पद्धतियों में बदलाव
यात्री किराए को तर्कसंगत बनाना
माल ढुलाई में सुधार और निजी भागीदारी के माध्यम से राजस्व बढ़ाना
रेलवे बोर्ड का गठन
1905 के एक्ट में प्रावधान है कि केंद्र सरकार रेलवे से संबंधित सरकार की शक्तियों और कामकाज को रेलवे बोर्ड में निहित कर सकती है।
यह एक अधिसूचना के माध्यम से किया जा सकता है।
यह बिल 1905 के एक्ट को निरस्त करता है और इन प्रावधानों को 1989 के एक्ट में शामिल करता है।
भारत सरकार, लोक निर्माण विभाग के दिनांक 18 फरवरी, 1905 के संकल्प संख्या 256जी के तहत गठित रेलवे बोर्ड, जिसकी संरचना समय-समय पर संशोधित की जाएगी, इस अधिनियम के तहत गठित रेलवे बोर्ड माना जाएगा।
इस बिल में यह भी जोड़ा गया है कि केंद्र सरकार निर्धारित करेगी –
रेलवे बोर्ड के सदस्यों की संख्या
अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्यों की योग्यता, अनुभव और सेवा की शर्तें तथा नियुक्ति का तरीका।
प्रश्न - भारत में पहली यात्री रेल सेवा कब शुरू हुई थी ?