(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण तथा उसकी चुनौतियाँ, विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र व संस्थान) |
संदर्भ
हाल ही में, राजस्थान विधानसभा में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 (Rajasthan Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Bill) प्रस्तुत किया।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को गलAत बयानी, बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखाधड़ी के अन्य किसी भी माध्यम से सीधे या अन्यथा, किसी भी धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित नहीं करेगा।
यदि कोई व्यक्ति अवैध धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से विवाह करता है तो परिवार न्यायालय (Family Court) को ऐसे विवाह को अमान्य (शून्य) घोषित करने का अधिकार होगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अंतर्गत सभी अपराध संज्ञेय एवं गैर-जमानती होंगे तथा सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होंगे।
जो व्यक्ति अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है, उसे जिला मजिस्ट्रेट अथवा विशेष रूप से प्राधिकृत अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को कम-से-कम 60 दिन पूर्व यह घोषणा करनी होगी कि वह अपनी मर्जी से तथा अपनी स्वतंत्र सहमति से तथा बिना किसी बल, दबाव, अनुचित प्रभाव अथवा प्रलोभन के अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है।
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