चर्चा में क्यों
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के अनुसार 16 मई, 2022 को रामगढ विषधारी को भारत के 52वें टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित किया गया।
अवस्थिति
- रामगढ विषधारी टाइगर रिज़र्व राजस्थान में स्थित है, जो मुख्यतः बूंदी ज़िले के साथ-साथ भीलवाड़ा जिले में भी विस्तृत है।
- इस टाइगर रिज़र्व में भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, धारीदार लकडबग्घा, भालू, सुनहरे सियार, चिंकारा, नीलगाय और लोमड़ी जैसे जंगली जानवर पाए जाते हैं।
- यह राजस्थान का चौथा और क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व हो गया है।
- राजस्थान के अन्य तीन टाइगर रिज़र्व इस प्रकार हैं-
- सरिस्का टाइगर रिज़र्व
- रणथम्भोर टाइगर रिज़र्व
- मुकुन्दरा टाइगर रिज़र्व
- इसके उत्तर-पूर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व और दक्षिण में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है। यह दोनों को जोड़ने वाला एक प्रमुख गलियारा होने के साथ-साथ रणथंभौर का बफर जोन भी होगा।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व बनाए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- भारत में प्रोजेक्ट टाइगर और टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन को पुनर्गठित करने के लिये गठित टाइगर टास्क फ़ोर्स की सिफारिश पर वर्ष 2005 में एन.टी.सी.ए. का गठन किया गया।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गठित यह एक सांविधिक निकाय है, जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- यह टाइगर संरक्षण में लगे व्यक्तियों को स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसके अनुसार वर्ष 2019 में भारत में कुल 2967 बाघ थे।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
- विश्व के कुल बाघों का 80% भारत में।
- भारत में सर्वाधिक बाघ (वर्ष 2019)-
- मध्यप्रदेश (526)
- कर्नाटक (524)
- भारत में सर्वाधिक टाइगर रिज़र्व- मध्यप्रदेश (6)
- 51वाँ- श्रीविल्लीपुथुर मेगामलाई (तमिलनाडु)
- 52वाँ- रामगढ विषधारी (राजस्थान)
- 53वाँ (प्रस्तावित)- गुरु घासीदास (छत्तीसगढ़)
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