(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिये अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) के एक प्रशिक्षु को रामफल वृक्ष के पत्तों से जैव-कीटनाशक विकसित करने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका में सम्मानित किया गया है।
हालिया शोध
- शोध से पता चला है कि रामफल वृक्ष की पत्तियाँ तीन विनाशकारी कीटों पॉड बोरर, ग्रीन पीच एफिड और फॉल आर्मीवॉर्म के विरुद्ध उपयोगी है। ये सभी कीट फसल को नुकसान पहुँचाने के लिये उत्तरदायी होते हैं।
- इस वृक्ष की पत्तियों से तैयार जैव-कीटनाशक के प्रयोग से कीटों की मृत्यु दर 78-88% के बीच रही है, जो कि एक उत्साहजनक परिणाम है।
अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिये अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान
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- इस संगठन की स्थापना वर्ष 1972 में की गई थी। इसके चार्टर पर खाद्य एवं कृषि संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे।
- यह संस्थान एक गैर-लाभकारी, गैर-राजनीतिक अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के शुष्क क्षेत्रों में विकास के लिये कृषि अनुसंधान करता है।
- इसका मुख्यालय हैदराबाद (तेलंगाना) में है, जबकि दो क्षेत्रीय केंद्र नैरोबी (केन्या) और बमाको (माली) में हैं।
- इस संगठन को उप-सहारा अफ्रीका के 13 देशों में खाद्य सुरक्षा में सुधार करने वाले कार्यों के लिये वर्ष 2021 में अफ्रीका खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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लाभ
- जैव-कीटनाशकों से स्वस्थ और कीटनाशक मुक्त उपज प्राप्त होती है।
- इस वृक्ष की पत्तियों से तैयार कीटनाशक का उत्पादन लागत प्रति लीटर $0.33 है, जो कि काफी कम है।
- यह छोटे किसानों के लिये एक लागत प्रभावी कीटनाशक होने के साथ ही राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत भी प्रदान करता है।
हानिकारक कीट
- ग्रीन पीच एफिड एवं फॉल आर्मीवॉर्म के कारण विभिन्न फसलों में क्रमशः 38-42% और 21-53% नुकसान होता है। इसके अतिरिक्त पॉड बोरर कीटों के कारण वार्षिक 300 मिलियन डॉलर से भी अधिक फसलों का नुकसान हो जाता है।
- भारत में फॉल आर्मीवर्म कीटों के कारण फसलें अत्यधिक प्रभावित होती है। विदित है कि वर्ष 2018 में इस कीट द्वारा मक्का की फसल को नष्ट करने के बाद देश को पोल्ट्री और पशु चारा उद्योग की मांग को पूरा करने के लिये मक्के का आयात करना पड़ा था।
रामफल वृक्ष के बारे में
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रामफल वृक्ष का वैज्ञानिक नाम अन्नोना रेटिकुलाटा (Annona reticulata) है। इस पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग पारंपरिक रूप से दस्त (पेचिश) और पेडीकुलोसिस (जूं संक्रमण) के उपचार में होता है।
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