New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

भारत में रामसर स्थल (Ramsar Sites in India)

  • हाल ही में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय  ने उत्तर बिहार के मीठे पानी के दलदल कबरताल तथा उत्तराखंड दून घाटी में आसन बैराज को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि घोषित किया है। इसके साथ ही वर्तमान में भारत में रामसर स्थलों की संख्या 39 हो गई है, जो अब दक्षिण एशिया में रामसर स्थलों का सबसे बड़ा नेटवर्क है।
  • आसन कंज़र्वेशन रिज़र्व उत्तराखंड के देहरादून ज़िले में यमुना नदी की सहायक आसन नदी के समीप 444 हेक्टेयर में फैला हुआ क्षेत्र है, जो जैव विविधता केंद्र के रूप में गम्भीर रूप से लुप्तप्राय रेडहेडेड वल्चर, व्हाइट रम्प्ड वल्चर तथा बीयर्स पोचर्ड (Baer’s pochard) सहित पक्षियों की 330 प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करता है। यह प्रवासी पक्षियों जैसे कि रेड क्रेस्टेड पोचर्ड और रूडी शेल्डक के साथ-साथ 40 से अधिक मछली प्रजातियों का भी एक प्रसिद्ध प्रवास स्थल है। रामसर स्थल घोषित किये जाने के लिये इस रिज़र्व ने आवश्यक नौ मानदंडों में से पाँच मानदंडों को पूरा किया है, जिसके बाद यह उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल बन गया है ।
  • कबरताल, जिसे कंवर झील के रूप में भी जाना जाता है, बिहार राज्य के बेगूसराय ज़िले में 2,620 हेक्टेयर भारत-गंगा के मैदानों में फैला हुआ है। यह स्थल स्थानीय समुदायों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ इस क्षेत्र के लिये एक महत्त्वपूर्ण बाढ़ बफर का कार्य भी करता है। यह स्थल गम्भीर रूप से लुप्तप्राय गिद्ध, जैसे रेड हेडेड वल्चर और व्हाइट रम्प्ड वल्चर आदि का निवास स्थान है।
  • रामसर कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है जिस पर 2 फरवरी, 1971 में ईरानी शहर रामसर में हस्ताक्षर किये गए थे। इस कन्वेंशन को ‘कन्वेंशन ऑन वेटलैंड्स’ (Convention on Wetlands) के नाम से जाता है। भारत 1 फरवरी, 1982 को इसमें शामिल हुआ था। इसके अंतर्गत वे आद्रभूमि जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की हैं, उन्हें रामसर स्थल घोषित किया जाता है।
  • वेटलैंड्स इंटरनेशनल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ मिलकर भारत में रामसर स्थल के नामांकन तथा घोषणा प्रक्रिया का कार्य करता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR