चर्चा में क्यों
हाल ही में 'रामसे हंट सिंड्रोम' नामक दुर्लभ रोग के कारण कनाडाई पॉप सिंगर जस्टिन बीबर के चेहरे का दाहिना हिस्सा पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया है।
क्या है रामसे हंट सिंड्रोम
- रामसे हंट सिंड्रोम या ‘हर्पीज ज़ोस्टर ओटिकस’ एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार है जिससे चेहरे की तंत्रिका पक्षाघात का शिकार हो जाती है तथा आमतौर पर इससे कान या मुंह प्रभावित होते हैं।
- यह बीमारी वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस (Varicella Zoster Virus) के कारण होती है जो बच्चों में चिकनपॉक्स और वयस्कों में दाद का कारण बनती है।
- यह बीमारी किसी भी व्यक्ति में हो सकती है जिसे चिकनपॉक्स हुआ हो। प्रायः चिकनपॉक्स के साथ वायरस नसों में रहना जारी रखता है। वर्षों बाद यह चेहरे की नसों को फिर से सक्रिय और प्रभावित कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप रामसे हंट सिंड्रोम हो सकता है।
- ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार यह प्रत्येक वर्ष एक लाख लोगों में से केवल 5 से 10 लोगों को ही होता है।
लक्षण
- इस रोग के सबसे आम लक्षणों में कान के चारों ओर लाल चकत्ते, चेहरे पर पक्षाघात आदि शामिल हैं।
- कान में दर्द, बहरापन, शुष्क मुँह एवं एक आँख बंद करने में कठिनाई भी इसके सामान्य लक्षण हैं।
उपचार
- सामान्यतः रोगी पूरी तरह ठीक हो जाता है परंतु कुछ दुर्लभ मामलों में चेहरे का पक्षाघात और बहरापन स्थायी हो सकता है।
- सामान्य रोगी को एंटी-वायरल दवा जबकि अधिक गंभीर मामलों में स्टेरॉयड दिया जाता है। इसके आलावा, इस रोग के उपचार में फिजियोथेरेपी का उपयोग भी किया जाता है।