प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, रैट-होल खनन, राष्ट्रीय हरित अधिकरण, छठी अनुसूची, कोयला खदान राष्ट्रीयकरण अधिनियम,1973 |
चर्चा में क्यों-
उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंस गए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए खनन की वैज्ञानिक विधियों के साथ रैट-होल खनन से बचाव कार्य को अंजाम तक पहुंचाया गया।
रैट-होल खनन:
- यह शब्द जमीन में खोदे गए संकीर्ण गड्ढों को संदर्भित करता है।
- रैट होल खनन मेघालय में कोयला खनन के लिए प्रचलित संकीर्ण होल विधि है।
- यह होल एक व्यक्ति के उतरने और कोयला निकालने तक सीमित होता है।
- एक बार गड्ढा खोदने के बाद, इसमें रस्सियों या बांस की सीढ़ियों का उपयोग करके उतरते हैं।
- खनन में आदिम उपकरणों गैंती, फावड़े और टोकरियों का इस्तेमाल किया जाता है।
- होल खनन मोटे तौर पर दो प्रकार का होता है-
1. साइड-कटिंग प्रक्रिया-
पहाड़ी ढलानों पर संकीर्ण सुरंगें खोदी जाती हैं और श्रमिक कोयले की परत मिलने तक अंदर जाते हैं।
2. रैट होल खनन-
-
- इसे बॉक्स-कटिंग कहा जाता है। यह आयताकार होता है, जो 10 से 100 वर्गमीटर तक होता है।
- माध्यम से 100 से 400 फीट गहरा एक ऊर्ध्वाधर गड्ढा खोदा जाता है।
- एक बार कोयले की परत मिल जाने के बाद, चूहे के बिल के आकार की सुरंगें क्षैतिज रूप से खोदी जाती हैं।
- इन सुरंगों के माध्यम से श्रमिक कोयला निकाल सकते हैं।
खनन का प्रचलन मेघालय में क्यों-
- छठी अनुसूची के राज्य मेघालय में जमीन पर सरकार का बहुत कम नियंत्रण है।
- यहाँ 1973 का कोयला खदान राष्ट्रीयकरण अधिनियम लागू नहीं होता है।
- इस प्रकार भूस्वामी खानों के भी मालिक हैं।
- 1972 में मेघालय को राज्य का दर्जा मिलने के बाद कोयला खनन में तेजी आई।
- इलाके और खर्चों ने खदान मालिकों को उन्नत ड्रिलिंग मशीनों के स्थान पर रैट-होल खनन को प्रोत्साहित किया।
|
रैट होल खनन के जोखिम:
- खराब वेंटिलेशन के कारण दम घुटना
- संरचनात्मक समर्थन की कमी के कारण खदानों का ढहना
- जल भराव
- अनियमित खनन के कारण भूमि क्षरण
- वनों की कटाई
- बाल श्रम (कम ऊँचाई, मोटाई और वजन के कारण)
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी):
- इसकी स्थापना 18 अक्टूबर 2010 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम 2010 के तहत हुई थी।
- इसकी स्थापना पर्यावरण संरक्षण, वन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्र निपटान के लिए की गई है।
- अधिकरण की प्रमुख पीठ नई दिल्ली में स्थित है, जबकि भोपाल, पुणे, कोलकाता और चेन्नई में इसकी क्षेत्रीय पीठें हैं।
- संरचना:
- एक पूर्णकालिक अध्यक्ष
- कम-से- कम 10 न्यायिक सदस्य
- 10 विशेषज्ञ सदस्य
- पूर्णकालिक न्यायिक और विशेषज्ञ सदस्यों की कुल संख्या 20 से अधिक नहीं होनी चाहिये
|
प्रतिबन्ध:
- जोखिम को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) ने 2014 में मेघालय में रैट-होल खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- प्रतिबंध के बावजूद दिसंबर 2018 में पूर्वी जैंतिया हिल्स में एक नदी से पानी आने के बाद खदान में कम से कम 17 खनिक डूब गए थे।
प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- 2014 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मेघालय में रैट-होल खनन को प्रतिबंधित कर दिया था।
- 1973 का कोयला खदान राष्ट्रीयकरण अधिनियम मेघालय में लागू होता है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर - (a)
|