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पोक्सो एक्ट पर पुनर्विचार

(प्रारम्भिक परीक्षा: POCSOACT, Age of Consent)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 : केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।) 

सुर्ख़ियों में क्यों

  • हाल ही में, यूपी में आपराधिक कानून में संशोधन कर, बलात्कार के आरोपी को अग्रिम जमानत देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • हाल की घटनाओं को देखते हुए CJI ने संसद को POCSO अधिनियम के तहत सहमति की आयु (Age of Consent) के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए निर्देश दिए हैं।
  • मद्रास, दिल्ली और मेघालय उच्च न्यायालयों ने POCSO ACT के तहत रोमांटिक संबंधों के अपराधीकरण से संबंधित मामलों पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है।

पोक्सो एक्ट, 2012 क्या है?

  • वर्ष 2012 में पेश किया गया एक लिंग-तटस्थ कानून है।
  • यह बच्चों से संबंधित यौन अपराधों के अधिनिर्णयन के लिए एक विशेष तंत्र प्रदान करता है।
  • इसमें अठारह वर्ष से कम आयु को बच्चे के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • यौन शोषण के विभिन्न रूपों को परिभाषित किया गया है-
  • भेदनात्मक और गैर-भेदक हमले (Penetrative and Non-Penetrative assault);
  • यौन उत्पीड़न और अश्लील साहित्य;
  • कुछ परिस्थितियों में यौन हमले को "गंभीर" की श्रेणी में रखा गया है-
    • यदि मानसिक रूप से बीमार बच्चे के साथ यौन दुर्व्यवहार किया गया हो
    • यदि परिवार के सदस्य, पुलिस अधिकारी, शिक्षक या डॉक्टर जैसे विश्वास वाले व्यक्ति द्वारा दुर्व्यवहार किया गया हो;
  • यह जांच प्रक्रिया के दौरान पुलिस को बाल संरक्षक की भूमिका में भी रखता है।
  • बाल यौन शोषण के मामले को एक वर्ष के भीतर निपटाया जाना चाहिए।
  • अगस्त 2019 में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए मृत्युदंड सहित अधिक कठोर दंड प्रदान करने के लिए इसमें संशोधन किया गया था।

Age of Consent

  • सहमति की उम्र वह उम्र है जिस पर एक व्यक्ति यौन संबंध बनाने के लिए कानूनी रूप से सहमत हो सकता है।
  • भारतीय दंड संहिता के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है।

 पृष्ठभूमि

  • औपनिवेशिक काल से teenage sexuality के कानूनी पहलुओं में कई बदलाव किए गए
  • 2013 के संशोधन द्वारा सहमति की आयु 10 से 12 से बढ़ाकर 14 से 16 और अंत में 18 वर्ष कर दी गई है, ताकि इसे तत्कालीन नए कानून POCSO अधिनियम के अनुरूप लाया जा सके। 

बाल यौन शोषण पर कार्यवाही हेतु पूर्व में प्रावधान

  • पूर्व मे बाल यौन शोषण से संबंधित मामलों के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं था, इसे आई.पी.सी. 375 - बलात्कार और आई.पी.सी. 354 - स्त्री की लज्जा भंग करना , के अंतर्गत कार्यवाही की जाती थी।
  • वर्तमान में इसे POSCO ACT में शामिल किया गया है। 

वर्तमानमें POCSO Act  से संबंधित चिंताएँ

कानून का दुरूपयोग

  • प्रेम संबंधों में इसके दुरुपयोग की संभावनाएँ अधिकतम है।
  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने AK vs. State Govt of NCT of Delhi में कहा कि POCSO का इरादा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण से बचाना था न कि युवा वयस्कों की सहमति से हुए यौन संबंधों को आपराधिक बनाना।

न्यायालयों पर बोझ

  • कुल POCSO मामलों (Mutual Consent सहित अवयस्क यौन संबंध) में 25 प्रतिशत का अपराधीकरण करना पहले से ही बोझ से दबी अदालतों पर और अधिक बोझ डालता है ।

न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिशें

  • POCSO अधिनियम के तहत सहमति की आयु (Age Of Consent ) को घटाकर 16 कर दिया जाना चाहिए, और इसे विवाह की आयु से अलग किया जाना चाहिए, क्योंकि यौन कार्य केवल विवाह की सीमा के भीतर ही नहीं होते हैं। 

अधिनियम पर पुनर्विचार की जरूरत क्यों ?

विजयलक्ष्मी बनाम मद्रास राज्य-2021

  • अदालत के अनुसार POCSO कानून की प्रक्रिया का समाज के कुछ वर्गों द्वारा दुरुपयोग करने का एक उपकरण है, जिसमें आपसी सहमति से यौन संबंधों (16-18 वर्ष के मध्य) पर भी झूठे आरोप लगाकर कार्यवाही कराया जा रहा है।

एनफोल्ड प्रोएक्टिव हेल्थ ट्रस्ट द्वारा किए गए एक अध्ययन

  • POCSO अधिनियम के तहत 4 में से 1 मामले में सहमतिपूर्ण अवयस्क यौन संबंध की स्वीकृति शामिल है। 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5, 2019-21

  • 39 प्रतिशत महिलाओं ने 18 वर्ष की उम्र से पहले यौन संबंध रखा। 

आगे की राह

  • पोक्सो के तहत सहमतिपूर्ण अवयस्क यौन मामलों में गिरफ्तार करते समय पुलिस कर्मियों को जल्दबाजी में कार्रवाई न करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
  • अदालत के अनुसार समय के साथ समाज लगातार बदल रहा है और लोगों की पहचान और अनुभूति को भी प्रभावित कर रहा है, अतः इसे समझने की जरूरत है।
  • जिस प्रकार अमेरिका के अधिकांश राज्यों में Age of Consent 16 वर्ष है उसी प्रकार भारत में भी तार्किक आधार पर इसे बदला जा सकता है ।
  • यौन शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
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