प्रारम्भिक परीक्षा – ऑरोरा, ऑरोरा बोरियालिस तथा ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस , भारतीय खगोलीय वेधशाला मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3 |
संदर्भ
- लद्दाख के हनले और मेराक में स्थापित खगोलीय वेधशाला के द्वारा 5 नवंबर 2023 को आकाश में लाल रंग का ध्रुवीय प्रकाशपुंज (एरोरा) की एक तस्वीर प्रस्तुत की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस तरह के एरोरा सामान्य तौर पर उच्च आक्षांश वाले स्कैंडिनेविया क्षेत्र में ही देखे जाते हैं। इससे पूर्व मई 2023 माह में भी लद्दाख की वेधशला के द्वारा ऐसी तस्वीर प्रस्तुत की गई थी।
ऑरोरा
- सूर्य की सतह से आवेशित कण (सौर हवा) जब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो कणों के चुंबकीय प्रभाव का पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से क्रिया के कारण जो प्रकाशपुंज दिखाई देता है उसे ऑरोरा कहते हैं।
- यह प्रकाशपुंज हरे, लाल और नीले रंगों के मिश्रित प्रकाश होते हैं।
ऑरोरा बोरियालिस तथा ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस
- ऐसे प्रकाश का ध्रुवों के समीप उत्पत्ति होने के कारण उत्तरी अक्षांशों में इसे 'ऑरोरा बोरियालिस' (Aurora Borealis) तथा दक्षिणी अक्षांशों में 'ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस' (Aurora Australis) कहा जाता है।
- ऑरोरा बोरियालिस को अमेरिका के अलास्का, कनाडा, आइसलैंड, ग्रीनलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड में देखा जा सकता है, जबकि ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस को अंटार्कटिका, चिली, अर्जेंटीना, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के उच्च अक्षांशों में देखा जाता है।
भारतीय खगोलीय वेधशाला (Indian Astronomical Observatory :IAO)
- यह दक्षिण पूर्व लद्दाख में लेह के निकट हान्ले में स्थित विश्व की सबसे ऊँची वेधशला है। यह वर्ष 2001 से कार्यरत है।
- इस वेधशला का कार्य खगोल एवं जलवायु संबंधी जानकारी/आंकड़े इकठ्ठा करना है।
- इसका संचालन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान ( आईआईए ), बेंगलुरु द्वारा किया जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- ऑरोरा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह हरे, लाल और नीले रंगों के मिश्रित प्रकाशपुंज होते हैं।
- इनकी उत्पति ध्रुवों के समीप होती है।
- उत्तरी अक्षांशों में इसे 'ऑरोरा बोरियालिस' तथा दक्षिणी अक्षांशों में 'ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस' कहा जाता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- ऑरोरा क्या है? इसके उत्पति कैसे होती है? व्याख्या कीजिए।
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