प्रारम्भिक परीक्षा – अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से पृथ्वी की घूर्णन गति में कमी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1 और 3 (भूगोल एवं पर्यावरण) |
संदर्भ
हाल ही में किये गए एक अध्ययन के अनुसार, ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से पृथ्वी की घूर्णन गति में कमी आ रही है।
प्रमुख बिंदु :-
- इस अध्ययन को 'नेचर' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
- यह शोध अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डंकन एग्न्यू एवं उनकी टीम के द्वारा किया गया है।
- इस अध्ययन के अनुसार, पृथ्वी हमेशा एक ही गति से नहीं घूमती है, इसलिए समन्वित वैश्विक समय (Coordinated Universal Time:UTC) में भिन्नता पाई जाती है।
- एक गणितीय गणना के आधार पर यह भी पाया गया कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ के पिघलने में तेजी आने के कारण पृथ्वी का तरल कोर जिस दर पर घूमता है वह धीमा हो रहा है।
- पृथ्वी के घूर्णन की धीमी गति की भरपाई करने और UTC को सौर समय के साथ समकालिक बनाए रखने के लिए समन्वित सार्वभौमिक समय में एक अंतराल सेकंड या एक सेकंड जोड़ा जाता है, जिसे 'लीप सेकंड' कहा जाता है।
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- लीप सेकंड : यह एक सेकंड का समायोजन है।
- इसे पृथ्वी के घूर्णन में अनियमितताओं और दीर्घकालिक मंदी के कारण होने वाले समन्वित सार्वभौमिक समय (UTC) में भिन्नता को बराबर करने के लिए किया जाता है, जिससे सटीक समय ( परमाणु घड़ियों द्वारा मापा गया अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समय (TAI) ) और सटीक सौर समय ( UT1 ) के बीच के अंतर को समायोजित किया जा सके।
- यह एक सेकेंड जून या दिसंबर के आखिरी में एक मिनट में जोड़ा जाता है।
- वर्ष 1972 में पहला लीप सेकंड जोड़ा गया।
- पृथ्वी की गति धीमी वैश्विक ताप में वृद्धि के कारण हो रहा है तथा भविष्य में इससे भी अधिक हो सकता है।
पृथ्वी के गुमने की गति :-
- पृथ्वी प्रत्येक 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में अपना एक चक्कर पूरा करती है।
- इसके घूमने की गति 1674 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
- यह गति किसी लड़ाकू विमान जितनी है।
- पृथ्वी का आकार अत्यधिक बड़ा होने के कारण हमें इसके घूमने का पता नहीं लग पाता है।
- इसके लिए अंतरिक्ष स्टेशन या उपग्रहों के जरिए पृथ्वी को घूमते हुए देखा जा सकता है।
पृथ्वी की गतियाँ
पृथ्वी की गति दो प्रकार की होती है :-
- घूर्णन (Rotation) अथवा दैनिक गति।
- परिक्रमण (Revolution) अथवा वार्षिक गति।
घूर्णन (Rotation)गति:-
- पृथ्वी सदैव अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व लट्टू की भांति घूमती रहती है, जिसे 'पृथ्वी का घूर्णन या परिभ्रमण' कहा जाता है।
- पृथ्वी के घूर्णन के कारण दिन व रात होते हैं। जिस कारण इस गति को 'दैनिक गति' भी कहा जाता है।
परिक्रमण (Revolution):-
- पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर एक अंडाकार मार्ग (Geoid) पर 365 दिन तथा 6 घंटे में एक चक्कर लगाती है।
- पृथ्वी के इस अंडाकार मार्ग को 'भू-कक्षा' (Earth Orbit) कहा जाता है।
- पृथ्वी की इस गति को परिक्रमण या वार्षिक गति कहा जाता है।
- पृथ्वी का सूर्य के चारो ओर परिक्रमण करने के कारण पृथ्वी पर ऋतू परिवर्तन होता है।
- सामान्यतः एक वर्ष में 4 ऋतुएं गर्मी, सर्दी, वसंत एवं शरद् होती हैं।
- एक वर्ष 365 दिन का होता हैं, जीसमें 6 घंटे को इसमें नहीं जोड़ा जाता है।
- चार वर्षों में प्रत्येक वर्ष के बचे हुए यह 6 घंटे मिलकर एक दिन अर्थात 24 घंटे के बराबर हो जाते हैं।
- इस अतिरिक्त दिन को फरवरी के महीने में जोड़ा जाता है।
- इससे प्रत्येक चौथे वर्ष फरवरी माह 28 के बदले 29 दिन का होता हैं।
- प्रत्येक 29 फरवरी को लीप डे कहा जाता है।
- ऐसा वर्ष जिसमें 366 दिन होते हैं उसे “लीप वर्ष” कहा जाता है।
पृथ्वी की धुरी का झुकाव :-
- पृथ्वी के सभी स्थानों पर दिन और रात की अवधि समान नहीं होती।
- इसका कारण पृथ्वी की धुरी का झुकाव है।
- पृथ्वी अपने अक्ष ऊर्ध्वाधर स्थिति से 23½° झुकी हुई है।
- पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण 21 जून को सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
- इस स्थिति को ग्रीष्म या उत्तर अयनांत कहा जाता है।
- 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं।
- इस स्थिति को शीत या दाक्षिण अयनांत के नाम से जाना जाता है।
- 21 जून को विषुवत वृत पर सबसे लम्बा दिन होता है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :हाल ही में किये गए एक अध्ययन के अनुसार, ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने से पृथ्वी की घूर्णन गति में कमी आ रही है,यह अध्ययन किस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के द्वारा किया गया है?
(a) कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
(b) स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
(c) कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
(d) ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
उत्तर (c)
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