(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 ; विषय - भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव)
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में, संयुक्त अरब अमीरात ने देश में व्यक्तिगत स्वतंत्रता से सम्बंधित कानूनों में सुधार की घोषणा की है, ऐसा माना जा रहा है कि इन सुधारों की वजह से कठोर इस्लामी कानूनों में सुधार होगा।
- इन सुधारों में ऑनर किलिंग, शराब बंदी, अविवाहित जोड़ों के लिव-इन में रहने, तलाक और उत्तराधिकार से सम्बंधित कानूनों में हुए बदलाव शामिल हैं।
- ध्यातव्य है कि आधुनिकीकरण के इन प्रयासों की घोषणा एक्सपो-2020 से पहले की गई है। यह दुबई द्वारा आयोजित मेगा वर्ल्ड इवेंट है, जिससे देश में बड़े स्तर पर निवेश और लगभग 2.5 करोड़ आगंतुकों के आने की उम्मीद है। यह एक्सपो इस वर्ष अक्तूबर से 2021 अप्रैल तक आयोजित किया जाना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण अब इसका आयोजन अक्तूबर 2021 - मार्च 2022 में किये जाने की सम्भावना है।
कानूनों में निम्लिखित सुधार किये गए हैं :
1) ऑनर किलिंग और महिलाओं का उत्पीड़न
- पूर्व के कानूनों के अनुसार ‘ऑनर किलिंग’ के लिये ज़िम्मेदार पुरुष मुकदमे से बच जाते थे या उनको न्यूनतम स्तर की सज़ा ही मिलती थी।
- वहाँ लोगों की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी महिला का अन्य पुरुष के साथ भाग जाना या प्यार करना धार्मिक ग्रंथों की तथा धर्म की अवज्ञा करना या अवहेलना करना है, अतः देश में महिलाओं के साथ मारपीट करना बहुत सामान्य था। नए कानून के अनुसार ऐसी घटनाओं को अब किसी शारीरिक हमले के समान ही अपराध माना जाएगा।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नए कानून में महिलाओं का उत्पीड़न करने वाले पुरुषों के लिये कठोर दंड निर्धारित भी किये जाएंगे, इसमें किसी महिला का पीछा करना या सड़कों पर उन्हें छेड़ना भी शामिल है। नए सुधारों में पुरुषों के उत्पीड़न से जुड़े कानूनों की भी बात की गई है।
- रिपोर्ट में यह विशेष रूप से कहा गया है कि किसी नाबालिग या किसी भी उम्र की महिला के साथ बलात्कार करने के जुर्म पर फाँसी का प्रवधान जारी रहेगा।
2) शराब का सेवन
- 21 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिये शराब पीने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है और अधिकृत क्षेत्रों में एल्कोहल लाइसेंस के बिना मादक पेय रखने या बेचने के लिये पूर्व में दिये जाने वाले दंड को हटा दिया गया है।
- इससे पहले भी, खाड़ी देशों में शराब से सम्बंधित मुकदमे सामान्यतः दर्ज नहीं होते थे, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को किसी अन्य अपराध के लिये हिरासत में लिये जाने पर यह पता चलता था कि वह बिना लाइसेंस के शराब बेच रहा था तो उस पर मुकदमा दर्ज किया जाता था। लेकिन नए सुधारों के तहत यह अतिरिक्त मुक़दमा नहीं किया जाएगा। यद्यपि नाबालिग बच्चों के लिये, शराब पीना आगे भी दंडनीय अपराध रहेगा।
3) अविवाहित जोड़े लिव-इन में रह सकते हैं
- अविवाहित जोड़ों के लिव-इन में रहने को पहली बार वैध घोषित किया गया है। पहले, यह अवैध था यद्यपि इस श्रेणी में अभियोग या मुकदमे बहुत कम होते थे।
- देश में बाहर से आकर बसने वाले लोगों (विशेषकर युवाओं) के लिये यहाँ रहना अधिक सुगम बनाने के लिये कानूनों में यह बदलाव ज़रूरी था।
4) तलाक और उत्तराधिकार
- एक और बड़े बदलाव के रूप में ऐसे वैवाहिक जोड़ों, जिन्होंने विवाह तो अपने गृह देश में किया था लेकिन वो तलाक यू.ए.ई. में लेना चाहते हैं, के तलाक के लिये अब यू.ए.ई. में उस देश का कानून वैध होगा, जिस देश के कानून के हिसाब से उनका विवाह हुआ था।
- पूर्व में उत्तराधिकार के सम्बन्ध में स्थानीय अदालतों को परिवार के सदस्यों के बीच सम्पत्ति को विभाजित करने के लिये यू.ए.ई. के शरिया कानून को लागू करने का अधिकार था। किंतु अब, किसी व्यक्ति की नागरिकता का कानून यह निर्धारित करेगा कि सम्पत्ति को कैसे विभाजित किया जाएगा, विशेषकर जब किसी व्यक्ति द्वारा कोई लिखित वसीयत नहीं दी गई हो।
- हालाँकि, यू.ए.ई. में खरीदी गई सम्पत्ति के लिये शरिया कानून पूर्वानुसार ही लागू होंगे।
5) आत्महत्या
- नए सुधारों के अनुसार आत्महत्या करना या आत्महत्या की कोशिश करने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। पहले, आत्महत्या के प्रयास से बचने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता था।
- इसे न सिर्फ अब अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है बल्कि अब अदालतों और पुलिस को इस प्रकार के कमज़ोर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता भी उपलब्ध करानी होगी।
- यद्यपि आत्महत्या के प्रयास में किसी व्यक्ति की सहायता करना, अभी भी अपराध ही माना जाएगा और व्यक्ति को अनिश्चित समय के लिये कारावास की सज़ा दी जा सकती है।
- उपरोक्त सुधारों के अलावा अदालतों द्वारा प्रतिवादियों और गवाहों के लिये कानूनी रूप से अनुवादक प्रदान करना भी अनिवार्य कर दिया गया है, विशेषकर उन लोगों के लिये जो अरबी नहीं जानते हैं।
- इसके अलावा, देश के गोपनीयता कानून को भी मज़बूत किया गया है और अब किसी भी कथित अपराध से सम्बंधित सबूतों को संरक्षित किया जाएगा और इनका सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया जा सकेगा।
आगे की राह
इस्लामी देशों में शरिया कानून की कठोरता और कई बार उनके अमानवीय होने की बहस अक्सर उठती रहती है किन्तु यू.ए.ई. सरकार द्वार किये गए वर्तमान सुधार निश्चित रूप से स्वागत योग्य हैं। इन सुधारों से न सिर्फ यू.ए.ई. की वैश्विक छवि में सुधार होगा बल्कि भविष्य में वहाँ आकर बसने वाले लोगों के लिये कानूनी अड़चनें भी कम होंगीं।