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RBI द्वारा भुगतान प्रणाली में सुधार

एकीकृत भुगतान प्रणाली (Unified Payment Interface : UPI) को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने UPI 123 एवं UPI लाइट पर लेन-देन की सीमा में वृद्धि की घोषणा की है।

क्या है UPI 123

  • UPI 123 को मार्च 2022 में फीचर-फोन उपयोगकर्ताओं को UPI का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया था। 
    • वर्तमान में यह 12 भाषाओं में उपलब्ध है। 
  • UPI 123PAY फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जो सुरक्षित तरीके से UPI भुगतान सेवा का उपयोग कर सकते हैं। 
  • UPI 123PAY के माध्यम से फीचर फोन उपयोगकर्ता अब चार प्रौद्योगिकी विकल्पों के आधार पर कई तरह के लेन-देन कर सकेंगे। इनमें शामिल हैं :
    • पूर्व-निर्धारित IVR नंबर के माध्यम से UPI भुगतान
    • मिस्ड कॉल पे
    • फीचर फ़ोन जहाँ मूल उपकरण निर्माता द्वारा भुगतान कार्यक्षमता लागू की जाती है। 
    • निकट ध्वनि आधारित तकनीक एवं वॉयस आधारित भुगतान
  • अभी तक UPI 123PAY में प्रति-लेनदेन की सीमा 5,000 तक सीमित थी। इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए RBI ने हितधारकों के परामर्श से प्रति लेन-देन की सीमा को बढ़ाकर 10,000 कर दिया है। 

UPI लाइट के बारे में 

  • UPI LITE एक नया भुगतान समाधान है जो 500 रुपए से कम मूल्य के लेन-देन को संसाधित करने के लिए विश्वसनीय NPCI कॉमन लाइब्रेरी (CL) एप्लिकेशन का लाभ उठाता है। 
  • यह समाधान समानता, अनुपालन एवं सिस्टम स्वीकृति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मोबाइल फोन के लिए मौजूदा UPI इकोसिस्टम प्रोटोकॉल का पालन करता है। 
  • UPI LITE का उद्देश्य कम मूल्य के लेन-देन को सक्षम करने के लिए एक ग्राहक-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाना है। 
    • यह वास्तविक समय में बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम का उपयोग किए बिना पर्याप्त जोखिम शमन प्रदान करता है।
  • RBI ने UPI लाइट के माध्यम से प्रति लेन-देन की सीमा को 500 से बढाकर  1,000 और UPI लाइट वॉलेट की कुल सीमा 2,000 से बढ़ाकर 5,000 करने का भी निर्णय लिया।

लुक-अप सुविधा का शुभारंभ

  • RBI ने UPI और तत्काल भुगतान सेवा जैसी भुगतान प्रणालियों के अनुरूप रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) एवं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) प्रणालियों के लिए ‘लाभार्थी खाता विवरण लुक-अप सुविधा’ शुरू करने का भी निर्णय लिया है। 
    • इससे प्रेषक को भुगतान लेन-देन शुरू करने से पहले प्राप्तकर्ता (लाभार्थी) के नाम को सत्यापित करने की सुविधा मिलेगी। 
  • प्रेषक द्वारा लाभार्थी का खाता नंबर और शाखा IFSC कोड डालने के बाद लाभार्थी का नाम प्रदर्शित होगा। इस सुविधा से गलत क्रेडिट और धोखाधड़ी की संभावना कम होने से ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा। 
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