चर्चा में क्यों
हाल ही में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) को गुजरात में अल्सटॉम (एक फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनी) के सावली संयंत्र में क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिये भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सेट प्राप्त हुई।
प्रमुख बिंदु
- आर.आर.टी.एस. ट्रेन सेट का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के तहत किया जा रहा है और ये 180 किमी. प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने में सक्षम हैं।
- इस ट्रेन सेट का रखरखाव और संचालन उत्तर प्रदेश के दुहाई डिपो से किया जाएगा। पूरी तरह से वातानुकूलित यह ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है।
एन.सी.आर.टी.सी.
- एन.सी.आर.टी.सी. आवास एवं शहरी मामलें मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है।
- इसका कार्य राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र में आर.आर.टी.एस. परियोजना को लागू करना तथा बेहतर कनेक्टिविटी व पहुंच के माध्यम से सतत शहरी विकास को सुनिश्चित करना है।
आर.आर.टी.एस.
- आर.आर.टी.एस. राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र में क्षेत्रीय नोड्स को जोड़ने वाली एक नई, समर्पित, उच्च गति व उच्च क्षमता वाली आरामदायक कम्यूटर सेवा है।
- समर्पित पथ मार्ग के माध्यम से उच्च गति पर विश्वसनीय, अत्यधिक आवृति वाली और बिंदु से बिंदु क्षेत्रीय यात्रा प्रदान करने के कारण यह पारंपरिक रेलवे से अलग है।
- साथ ही, आर.आर.टी.एस. मेट्रो से अलग है क्योंकि यह कम स्टॉप और उच्च गति के साथ अपेक्षाकृत लंबी दूरी की यात्रा को पूरा करती है।
- आर.आर.टी.एस. के प्रथम चरण में ‘दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर’, ‘दिल्ली-गुरुग्राम-एस.एन.बी.-अलवर कॉरिडोर’ और ‘दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर’ का विकास शामिल हैं।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर
- एन.सी.आर.टी.सी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच भारत के पहले आर.आर.टी.एस. कॉरिडोर की कार्यान्वयन एजेंसी है। इस 82 किमी. लंबा कॉरिडोर है।
- इसके साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किमी. लंबे प्राथमिकता वाले खंड को वर्ष 2023 तक चालू करने का लक्ष्य है और पूर्ण गलियारा वर्ष 2025 तक प्रारंभ हो जाएगा।