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कैंसर दवाओं का विनियमन

संदर्भ

बजट 2024-2025 में सरकार ने तीन लक्षित कैंसर दवाओं ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन (trastuzumab deruxtecan), ओसिमर्टिनिब (osimertinib) और डुरवालुमैब  ( Durvalumab) पर सीमा शुल्क छूट की घोषणा की है।

भारत में कैंसर के मामले 

  • भारत में कैंसर के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में कैंसर के 14.6 लाख नए मामले सामने आने का अनुमान है।
    • जबकि यह संख्या 2021 में 14.2 लाख और 2020 में 13.9 लाख थी।
  • कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 2022 में बढ़कर 8.08 लाख हो गई, जो 2021 में 7.9 लाख और 2020 में 7.7 लाख थी।
  • कैंसर से महिलाएं अधिक प्रभावित हैं–
    • 2020 में प्रति 100,000 आबादी पर महिलाओं के 103.6 जबकि पुरुषों के 94.1 मामले सामने आये हैं। 
    • पुरुषों में, सबसे आम कैंसर फेफड़े, मुंह, प्रोस्टेट, जीभ और पेट के है जबकि महिलाओं में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय, गर्भाशय और फेफड़े के कैंसर मामले प्रमुख हैं।
  • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अध्ययन के अनुसार, जिसमें जनसंख्या-आधारित कैंसर रजिस्ट्री से डेटा का उपयोग किया गया था, नौ में से एक भारतीय को अपने जीवनकाल में कैंसर हो सकता है।
    •  अध्ययन के अनुसार, 68 में से एक पुरुष को फेफड़े का कैंसर होगा और 29 में से एक महिला को स्तन कैंसर होगा।

लक्षित कैंसर दवाओं के बारे में 

  • लक्षित कैंसर दवाएँ केवल कैंसर कोशिकाओं को प्रभावित करने और उन्हें नष्ट करने के लिए तैयार की जाती हैं। ये कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट आनुवंशिक परिवर्तनों को लक्षित करके उन्हें बढ़ने, विभाजित होने या फैलने से रोकती हैं।
    • ये दवाएं सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करती है, जबकि पारंपरिक कीमोथेरेपी दवाओं में सभी कोशिकाओं को लक्षित करने की क्षमता होती है।
  • इन दवाओं के परिणाम बेहतर होते हैं तथा इनके दुष्प्रभाव भी कम होते हैं। 
  • इम्यूनोथेरेपी जैसे नए कैंसर उपचार किसी भी दवा का उपयोग करके कैंसर को लक्षित नहीं करते हैं।
    • बल्कि, ये रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को खोजने और उन पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।

ट्रैस्टुजुमाब डेरक्सटेकन (trastuzumab deruxtecan) 

  • यह एक एंटीबॉडी-ड्रग कंजुगेट है, जो एक पदार्थ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से बना होता है और यह रासायनिक रूप से एक दवा से जुड़ा होता है।
    • मोनोक्लोनल एंटीबॉडी एक प्रयोगशाला-निर्मित प्रोटीन है जो मानव एंटीबॉडी की तरह काम करता है।
  • इसका उपयोग कुछ स्तन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
  • यह एक द्वितीय-पंक्ति उपचार है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब कैंसर के पारंपरिक उपचार विफल हो जाते हैं।
  • 2019 में, इस दवा को स्तन कैंसर के उपचार के लिए और 2021 में, कुछ प्रकार के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के उपचार के लिए अनुमोदित किया गया था।

ओसिमर्टिनिब (osimertinib)

  • यह भारत में तीन कैंसर औषधियों में से सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली औषधि है। 
  • इस दवा का उपयोग फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है जिसमें एपिडर्मल फ़्लोरिडा फैक्टर्स (EGFR) होते हैं।

डुरवालुमैब (Durvalumab) 

  • यह एक इम्यूनोप्लास्टी उपचार है, जिससे फेफड़ों के कैंसर, पित्त नली के कैंसर, मूत्राशय के कैंसर और यकृत के कैंसर का इलाज किया जाता है।
  • अध्ययनों से पता चला है कि इस दवा के कारण मरीज़ आराम में रहते हैं और लंबे समय तक जीवित रहते हैं। 

सीमा शुल्क छूट का प्रभाव 

  • इन दवाओं पर सीमा शुल्क छूट से व्यापक रूप से कैंसर रोगियों और उनके परिवारों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
  • भारत में लगभग एक लाख मरीज ऐसे हैं जिन्हें नियमित रूप से रस्टुजुमैब डर्कस्टेन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब की आवश्यकता होती है।
  • कीमतों में कमी से फेफड़े और स्तन कैंसर के उपचार सस्ते होगे, जो क्रमशः पुरुषों और महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर हैं।
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