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कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों का विनियमन

प्रारंभिक परीक्षा

(समसामयिक घटनाक्रम)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ

उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा एवं कोचिंग क्षेत्र में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे को हल करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों का विनियमन

  • कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए जनवरी 2024 में CCPA के तत्कालीन मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी।
    • इस समिति में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, शिक्षा मंत्रालय, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, विधि फर्म और उद्योग हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल थे।
  • इस समिति द्वारा फरवरी 2024 में विभिन्न हितधारकों से सार्वजनिक सुझाव के उद्देश्य से ‘कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024’ जारी किए थे। इन्हें नवंबर 2024 में CCPA द्वारा लागू कर दिया गया है।

भ्रामक विज्ञापन रोकथाम दिशा-निर्देश, 2024 की प्रमुख बातें 

  • विज्ञापनों का विनियमन : ये दिशा-निर्देश कोचिंग संस्थानों को निम्नलिखित बिंदुओं से संबंधित झूठे दावे करने से स्पष्ट रूप से रोकते हैं :
    • प्रस्तावित पाठ्यक्रम, उनकी अवधि, फैकल्टी की योग्यता, शुल्क व धन वापसी नीतियां
    • चयन की दर, सफलता की कहानियां, परीक्षा में रैंकिंग एवं नौकरी की सुरक्षा के वादे
    • प्रवेश की सुनिश्चितता, परीक्षा में उच्च अंक की गारंटी, गारंटीकृत चयन या पदोन्नति
  • केवल सत्य प्रस्तुति : कोचिंग की सेवाओं की गुणवत्ता या मानक के बारे में भ्रामक प्रस्तुतिकरण सख्त वर्जित होगा। कोचिंग संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे, संसाधनों एवं सुविधाओं का सही विवरण देना चाहिए।
  • छात्रों की सफलता की कहानियाँ : ये दिशा-निर्देश कोचिंग केंद्रों को छात्रों की लिखित सहमति के बिना विज्ञापनों में उनके नाम, फ़ोटो या प्रशंसापत्र छापने से रोकते हैं और छात्र की सफलता के बाद ही यह सहमति प्राप्त की जानी चाहिए। 
  • पारदर्शिता एवं प्रकटीकरण : कोचिंग सेंटरों को विज्ञापन में छात्र की तस्वीर के साथ-साथ नाम, रैंक एवं कोर्स का विवरण जैसी महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करना होगा। 
    • छात्र ने किस कोर्स के लिए भुगतान किया था, इसका भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए। 
    • किसी भी अस्वीकरण को अन्य महत्वपूर्ण विवरणों के समान फ़ॉन्ट साइज़ (शब्दों का आकार) के साथ प्रमुखता से प्रदर्शित करने की आवश्यकता होगी, ताकि उपभोक्ता छोटे प्रिंट से गुमराह न हों।
  • झूठी तात्कालिकता का निर्माण न करना : ये दिशा-निर्देश कोचिंग क्षेत्र में कार्यरत किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रचार के लिए सामान्य रणनीति का प्रयोग निर्धारित करता है और सीमित सीटें या अत्यधिक मांग जैसी रणनीति पर प्रतिबंध लगाता है, जिससे छात्रों पर त्वरित निर्णय के लिए दबाव न पड़े।
  • राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के साथ अभिसरण : प्रत्येक कोचिंग सेंटर को NCH के साथ साझेदारी करना आवश्यक होगा, जिससे छात्रों के लिए भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के संबंध में चिंताएं या शिकायतें दर्ज करना आसान हो जाएगा।
  • निष्पक्ष अनुबंध : दिशानिर्देशों में अनुचित अनुबंधों के मुद्दे को संबोधित करने की बात भी कही गई है, जिसे छात्रों द्वारा प्राय: कोचिंग सेंटरों के साथ किया जाता है। 
    • कोचिंग संस्थानों को अब चयन के बाद की सहमति के बिना सफल उम्मीदवारों की तस्वीरों, नामों या प्रशंसापत्रों का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। 
    • इस प्रावधान का उद्देश्य कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेने के दौरान कई छात्रों पर पड़ने वाले दबाव को समाप्त करना है।
  • प्रवर्तन एवं दंड : इन दिशानिर्देशों का कोई भी उल्लंघन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन माना जाएगा। 
  • केंद्रीय प्राधिकरण के पास अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की शक्ति है, जिसमें दंड लगाना, जवाबदेही सुनिश्चित करना और इस तरह की भ्रामक प्रथाओं की आगे होने वाली घटनाओं को रोकना शामिल है।

दिशानिर्देशों में कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ

  • कोचिंग : कोचिंग में शैक्षणिक सहायता, शिक्षा प्रदान करना, मार्गदर्शन, निर्देश, अध्ययन कार्यक्रम या ट्यूशन या समान प्रकृति की कोई अन्य गतिविधि शामिल है।
    • किंतु इसमें परामर्श, खेल, नृत्य, रंगमंच एवं अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ शामिल नहीं हैं।
  • कोचिंग सेंटर : कोचिंग सेंटर का अर्थ 50 से अधिक छात्रों को कोचिंग प्रदान करने के लिए किसी व्यक्ति द्वारा स्थापित, संचालित या प्रशासित केंद्र शामिल है।
  • प्रचारक (Endorser) : प्रचारक का वही अर्थ होगा जो भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम एवं भ्रामक विज्ञापनों के लिए अनुमोदन, 2022 के दिशा-निर्देश के खंड 2(f) के तहत निश्चित किया गया है।

नए दिशा-निर्देशों का महत्त्व 

  • उपभोक्ता हितों की रक्षा : कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन के लिए दिशा-निर्देश उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार शासित होंगे और दिशा-निर्देश हितधारकों के लिए स्पष्टता लाएंगे तथा उपभोक्ता हितों की रक्षा करेंगे।
  • शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार : ये दिशा-निर्देश छात्रों के शोषण को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं कि उन्हें झूठे वादों से गुमराह नहीं किया जाए या अनुचित अनुबंधों के लिए मजबूर न किया जाए जिससे उपभोक्ताओं और व्यापक शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र दोनों को लाभ हो।
  • पारदर्शिता एवं निष्पक्षता : कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन रोकथाम दिशा-निर्देश, 2024 से इस क्षेत्र में आवश्यक पारदर्शिता व निष्पक्षता की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्र एवं उनके परिवार सटीक जानकारी के आधार पर सूचित निर्णय ले सकें। 
  • समग्र नियामक ढांचे में सुधार : ये दिशा-निर्देश किसी भी मौजूदा विनियमन के अतिरिक्त होंगे, जो कोचिंग क्षेत्र में विज्ञापनों को नियंत्रित करने वाले समग्र नियामक ढांचे में वृद्धि करेंगे।
  • प्रचारक का उत्तरदायित्व : ये दिशा-निर्देश कोचिंग से संबंधित प्रत्येक व्यक्ति पर अर्थात केवल कोचिंग सेंटर ही नहीं, बल्कि विज्ञापन के ज़रिए अपनी सेवाओं का प्रचार करने वाले किसी भी एंडोर्सर या सार्वजनिक हस्ती पर भी लागू होंगे। 
    • कोचिंग सेंटर को अपना नाम या प्रतिष्ठा देने वाले प्रचारक अब यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार होंगे कि उनके द्वारा समर्थित दावे सटीक व सत्य हैं। 
    • अगर वे झूठी सफलता दर या भ्रामक गारंटी का समर्थन करते हैं तो उन्हें कोचिंग सेंटर के साथ-साथ जवाबदेह ठहराया जाएगा।

नए दिशा-निर्देशों की आवश्यकता 

  • ये दिशा-निर्देश झूठे/भ्रामक दावों, अतिरंजित सफलता दरों और कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों पर अक्सर थोपे जाने वाले अनुचित अनुबंधों के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर तैयार किए गए हैं। 
  • इस तरह की प्रथाओं द्वारा छात्रों को गुमराह करने, महत्वपूर्ण जानकारी छुपाने, झूठी गारंटी देने आदि के माध्यम से उनके निर्णयों को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार पाया गया है।

अभी तक CCPA द्वारा उठाए गए कदम

  • CCPA ने अभी तक कोचिंग सेंटरों द्वारा भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।
  • इस संबंध में CCPA ने भ्रामक विज्ञापन के लिए विभिन्न कोचिंग सेंटरों को 45 नोटिस जारी किए हैं।
  • CCPA ने 18 कोचिंग संस्थानों पर 54,60,000 का जुर्माना लगाया है और उन्हें भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया है।
  • उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के माध्यम से सिविल सेवा, आई.आई.टी. और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के लिए नामांकित छात्रों व उम्मीदवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए मुकदमेबाजी के पहले चरण में सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया है। 
  • छात्रों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों की कुल संख्या वर्ष 2021-2022 में 4,815, वर्ष 2022-2023 में 5,351 और 2023-2024 में 16,276 रही। 
    • यह वृद्धि उपभोक्ता आयोग जाने से पहले एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र के रूप में NCH में छात्रों के बढ़ते विश्वास व भरोसे को दर्शाती है। 
  • वर्ष 2024 में मुकदमेबाजी से पहले के चरण में अपनी शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए अभी तक 6980 छात्र NCH से संपर्क कर चुके हैं।
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