केंद्र सरकार ने पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अप्रतिबंधित अनुदानों की क़िस्त जारी की गई।
ग्रामीण शासन को मजबूत करने के लिए धनराशि मिली-
पंजाब को 225 करोड़ रुपये
छत्तीसगढ़ को 244 करोड़ रुपये
उत्तराखंड को 93 करोड़ रुपये
वित्त आयोग के तहत अप्रतिबंधित अनुदान:
अप्रतिबंधित अनुदान, स्थानीय निकायों को उनके क्षेत्र में विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दी जाने वाली धनराशि को कहते हैं।
भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) के माध्यम से राज्यों को यह अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है।
इसके बाद, वित्त मंत्रालय द्वारा यह अनुदान जारी किया जाता है।
अप्रतिबंधित अनुदान का उपयोग:
संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में उल्लिखित 29 विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थान/ग्रामीण स्थानीय निकाय इन अनुदानों का उपयोग करते हैं।
वित्त आयोग:
भारत के संविधान में अनुच्छेद 280 के अंतर्गत इसकी व्यवस्था की गई है।
यह एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है।
इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक 5वें वर्ष या आवश्यकतानुसार उससे पहले किया जाता है।
वित्त आयोग की संरचना:
वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं।
इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
वित्त आयोग के कार्य:
संघ व राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना
राज्यों के बीच करों के बटवारे की संस्तुति करना
राज्यों के बीच इन करों के वितरण हेतु सिद्धांतो का निर्धारण करना
राज्यों के लिए राजस्व घाटा अनुदान और अनुदेशात्मक एवं अप्रतिबंधित अनुदान की सिफारिश करना
राष्ट्रपति द्वारा आयोग को वित्त के हित में निर्दिष्ट कोई अन्य विषय
प्रश्न. भारत में वित्त आयोग की स्थापना किस अनुच्छेद के तहत की गई है?