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रिवरफ्रंट की प्रासंगिकता

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

संदर्भ

पुणे के निवासियों ने मुला नदी पर निर्मित किए जा रहे पुणे रिवरफ्रंट परियोजना का विरोध किया है। मुथा नदी में मिल जाने के बाद मुला नदी को मुला-मुथा नदी के नाम से भी जाना जाता है।

Riverfront

क्या है रिवरफ्रंट 

  • रिवरफ्रंट किसी नदी के किनारे की भूमि में सुधार करने एवं पुनर्विकास करने की प्रक्रिया है। 
  • विगत दो दशकों में रिवरफ्रंट परियोजनाओं ने शहरों में लोकप्रियता प्राप्त की है। अहमदाबाद का साबरमती रिवरफ्रंट देश भर के अन्य रिवरफ्रंट के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा है। 
  • राजस्थान के कोटा में चंबल नदी के किनारे दुनिया का पहला ‘हेरिटेज रिवरफ्रंट’ स्थापित किया गया है, जबकि पटना में  गंगा रिवरफ्रंट को सांस्कृतिक एवं धार्मिक केंद्र में बदलने की तैयारी है।
  • हैदराबाद में मूसी रिवरफ्रंट में मोहनदास गांधी की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी है।

रिवरफ्रंट का उद्देश्य 

  • एक जीवंत, टिकाऊ एवं सुलभ स्थान का निर्माण करना  
  • लोगों को नदी के महत्त्व के बारे में जागरूक करना 
  • नदी जल प्रदूषण में कमी लाना   
  • जल की गुणवत्ता में सुधार करना 
  • जनता के लिए पार्क जैसे मनोरंजक क्षेत्र का निर्माण करना  
  • पर्यटन के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देना 

रिवरफ्रंट संबंधी चुनौतियाँ 

नदियों के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा 

  • विशेषज्ञों के अनुसार ये परियोजनाएँ बाढ़ में कमी लाने और नदियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रही हैं।
  • इनके अनुसार भारत के अधिकांश रिवरफ्रंट में नदी के किनारे पैदल पथ और नदी के प्रवाह को रोकने के लिए निर्मित दीवारें एवं तटबंध जैसी विशेषताएँ शामिल हैं। यह दृष्टिकोण विभिन्न नदियों की प्राकृतिक पारिस्थितिकी की अनूठी विशेषताओं को अनदेखा कर उनके प्राकृतिक प्रवाह को बाधित करता है। 

जल निकायों पर प्रतिकूल प्रभाव 

  • नदी के किनारे अत्यधिक निर्माण नदी की पारिस्थितिकी के लिए हानिकारक है। इससे  जलभृतों (Aquifers) में जल का प्रवाह बाधित हो सकता है। 
  • इसी प्रकार रिवरफ्रंट के विकास के दौरान निर्मित कंक्रीट संरचनाओं से जलभृत व नदी का मध्य मार्ग बाधित होता है।
    • जलभृत वर्षा या नदी जल को अवशोषित करके भूजल को रिचार्ज करने के साथ ही जल को स्थलीय निकायों, जैसे- झरनों एवं धाराओं में प्रवाहित करते हैं। 

बाढ़ की तीव्रता में वृद्धि 

रिवरफ्रंट के निर्माण से नदी की चौड़ाई कम हो जाती है जिससे बाढ़ की तीव्रता एवं बारंबारता में वृद्धि हो सकती है।

जल उपचार पर ध्यान न देना 

  • विशेषज्ञों के अनुसार, रिवरफ्रंट परियोजनाएँ मुख्यत: नदियों की गुणवत्ता को बहाल करने के बजाय नदियों के सौंदर्यीकरण और उनके किनारे निर्माण पर ही ध्यान केंद्रित करती हैं।
    • दिल्ली सरकार की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कुल 36 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में से केवल 16 बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) की निर्धारित सीमा का अनुपालन कर रही हैं। 
      • BOD जल में कार्बनिक पदार्थों के विघटन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा को दर्शाता है। सीवेज की मात्रा जितनी अधिक होगी BOD का मान उतना ही अधिक होगा। 
    • इन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से अंततः यमुना में जल का विसर्जन होता है।
  • गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार साबरमती नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और विशेषज्ञों का कहना है कि रिवरफ्रंट की वजह से यह समस्या अधिक गंभीर होती जा रही है।

असमान पहुँच

रिवरफ्रंट को कथित तौर पर न्यायसंगत सार्वजनिक स्थान या पार्क बनाने के उद्देश्य से विकसित किया जाता है। हालाँकि, इनके विकास के बाद शुल्क-सहित प्रवेश के कारण ये सभी के लिए हमेशा सुलभ नहीं होते हैं।

विस्थापन एवं पुनर्वास की समस्या 

  • वर्ष 2022-23 में यमुना रिवरफ्रंट के विकास के लिए, कम-से-कम 200 घरों को ध्वस्त कर वहां से लोगों को विस्थापित किया गया था। 
    • ये वे लोग थे जो बाढ़ के मैदान का इस्तेमाल खेती, नर्सरी एवं मछली पकड़ने के लिए करते थे।
    • हालाँकि, परियोजना या नीति-निर्माण में उनके पुनर्वास को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है। 
  • इसी तरह की घटनाएँ हैदराबाद के मूसी रिवरफ्रंट और साबरमती रिवरफ्रंट के निर्माण में भी देखी गई हैं।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण के दिशा-निर्देश

  • वर्ष 2013 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने यमुना नदी के प्रदूषण के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की। 
  • समिति ने टिप्पणी की कि स्थलाकृतिक परिवर्तन करके विभिन्न मनोरंजक एवं सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण जैसी प्रस्तावित गतिविधियाँ नदी के जल वहन क्षमता को कम करके बाढ़ की तीव्रता में वृद्धि करेंगी। 
  • क्योंकि रिवरफ्रंट के लिए प्रस्तावित स्थान एक सक्रिय बाढ़ का मैदान है जो भारी बारिश के दौरान नदी के विस्तार के लिए एक प्राकृतिक स्थान उपलब्ध कराता है।  
  • समिति ने सुझाव दिया कि रिवरफ्रंट योजना अस्थिर है और इसे रोका जाना चाहिए। इसके बजाय रिवरफ्रंट योजना को नदी और उसके बाढ़ के मैदान की बहाली के लिए एक योजना द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।
  • NGT के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी प्रत्येक नदी के किसी भी तट पर विकास एवं निर्माण निषेध क्षेत्र (No Development & Construction Zone : NDCZ) निर्धारित करेगा जिसकी सीमा नदी के ‘सक्रिय बाढ़ मैदान’ से बाहर होनी चाहिए।

निष्कर्ष

  • रिवरफ्रंट परियोजनाओं को एक परिवर्तनकारी प्रयास माना जाता है जो शहरी क्षेत्रों में नए अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही समुदायों को प्राकृतिक जलमार्गों से जोड़ती हैं। 
    • हालाँकि, इसके माध्यम से सभी निवासियों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना ज़रूरी है।
  • इसके लागत-लाभ दृष्टिकोण का मूल्यांकन करने के साथ ही पिछले अनुभवों से सीखकर और निर्णय लेने की प्रक्रिया में जनता को शामिल करके इसे टिकाऊ, जीवंत एवं समावेशी शहरी स्थान बनाने के लिए रिवरफ्रंट विकास की क्षमता का दोहन कर सकते हैं।
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