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प्रवासी श्रमिकों के लिए रिमोट वोटिंग

(प्रारम्भिक परीक्षा: चुनाव आयोग के कार्य और उत्तरदायित्व)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:2- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय,  ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ)

संदर्भ 

 29 दिसंबर 2022 को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा घरेलू प्रवासियों के लिए मतदान को आसान बनाने के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM)  का एक प्रोटोटाइप विकसित किया।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • ECI ने दूरस्थ मतदान को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी परिदृश्य का आकलन करने के लिए 2020 में चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था। पैनल, जिसमें IIT-भिलाई, IIT-बॉम्बे, IIT-मद्रास और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सदस्य शामिल थे
  • चुनाव आयोग ने RVM के कामकाज को प्रदर्शित करने के लिए 16 जनवरी 2022  को सभी मान्यता प्राप्त आठ राष्ट्रीय और 57 राज्य राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है और 31 जनवरी 2022 तक उनके लिखित विचार मांगे हैं।

नई मतदान प्रणाली के बारे में

  • RVM "स्टैंड अलोन, नॉन-नेटवर्क सिस्टम" है ।
  • यह एक बहु-निर्वाचन रिमोट ईवीएम है, जिसके माध्यम से एक दूरस्थ मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को नियंत्रित किया जा सकता है ।
  • यह वर्तमान में प्रयुक्त ईवीएम प्रणाली पर आधारित है।
  • RVM को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की सहायता से विकसित किया गया है । 
  • ECI अब दूरस्थ मतदान केंद्रों पर मतदान को सक्षम करने के लिए एम3 ईवीएम(MARK3 EVM) के समय-परीक्षणित मॉडल(time-tested model) के संशोधित संस्करण का उपयोग करने के विकल्प की खोज की है । 

RVM

भौतिक रूप से, एक RVM निम्नलिखित घटकों से बना 

  • RCU – Remote Control Unit
  • RBU – Remote Ballot Unit
  • RVVPAT – Remote Voter Verified Paper Audit Trail
  • CCR – Constituency Card Reader
  • PDCU – Public Display Control Unit
  • RSLU – Remote Symbol Loading Unit

    इसकी आवश्यकता क्यों ?

    •  ECI के अनुसार, हालांकि देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, लेकिन सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार , प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण श्रमिक अपने पंजीकरण के स्थान से अन्य स्थानों पर रोज़गार के लिये या प्राकृतिक आपदा के कारण प्रवासन करते हैं ।
      • परिणामस्वरूप वोट डालने के लिये उन्हे अपने पंजीकृत मतदान केंद्रों पर लौटना मुश्किल हो जाता है।
    • समग्र घरेलू प्रवासन में ग्रामीण आबादी के बीच "आउट-माइग्रेशन" प्रमुख है और आंतरिक प्रवासन का लगभग 85% राज्यों के भीतर है ।
    • केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 1951 से 2019 तक मतदान प्रतिशत क्रमशः 45.67 प्रतिशत से बढ़कर 67.40 प्रतिशत हो गया है।अतः इसे बढ़ाने की आवश्यकता है ।  

    रिमोट वोटिंग के लाभ 

    • चुनाव आयोग के अनुसार, इस पहल के माध्यम से मतदान में वृद्धि के साथ-साथ भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी।
    • रिमोट वोटिंग से आंतरिक प्रवासियों और मौसमी श्रमिकों को लाभ होगा। वस्तुतः प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी
    • ब्लॉकचेन-आधारित मतदान प्रणाली न केवल वास्तविक समय पर परिणाम प्रदान करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि मतगणना फुलप्रूफ हो, और ब्लॉकचेन के साथ कोई भी परिणामों से छेड़छाड़ नहीं कर सकता है।

    चुनौतियाँ 

    कानूनी चुनौतियां

    1-वे कानून/नियम जिनमें संशोधन किया जाना अपेक्षित है:

    • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951
    • निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961
    • निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960

    2-प्रवासी मतदाता को परिभाषित करना

    3-मतदान दिवस में अनुपस्थित रहने वाले मतदाता से लेकर स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता

    ‘मामूली निवास’ और ‘अस्थायी रूप से अनुपस्थित मतदाता’ की विधिक संरचना के परिप्रेक्ष्य में मूल स्थान पर पंजीकरण को बनाए रखना

    4-रिमोट वोटिंग को परिभाषित करना 

    प्रशासनिक चुनौतियां 

    1-रिमोट वोटरों की गणना करना – स्व-घोषणा ? 

    2-नियंत्रित परिवेश उपलब्ध कराना–रिमोट लोकेशनों पर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करना 

    3-रिमोट वोटिंग बूथों पर पोलिंग एजेंटों की व्यवस्था करना और प्रतिरूपण से बचने के लिए मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करना 

    4-स्थापित किए जाने वाले बूथों की संख्या और लोकेशन  

    5-रिमोट मतदान केंद्रों के लिए मतदान कर्मियों की नियुक्ति और उनका पर्यवेक्षण 

    6-रिमोट लोकेशनों (अन्य राज्य) में आदर्श आचार संहिता लागू करना

     

    प्रौद्योगिकीय चुनौतियां

    1-रिमोट वोटिंग की पद्धति

    2-मतदाताओं का पद्धतियों/बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट ईवीएम या किसी अन्य प्रौद्योगिकी से परिचित होना 

    3-रिमोट बूथों पर डाले गए मतों की गणना और उसे अन्य राज्यों में स्थित रिटर्निंग अधिकारी को प्रेषित करना

     चुनाव आयोग द्वारा सुधार हेतु  प्रयास 

    • चुनाव आयोग द्वारा  "घरेलू प्रवासियों पर अधिकारियों की समिति" का गठन किया गया था, जिसने  2016 के अंत में इंटरनेट वोटिंग, प्रॉक्सी वोटिंग, प्रारंभिक मतदान और प्रवासी श्रमिकों के लिए डाक मतपत्र जैसे विभिन्न संभावित समाधानों पर विचार करने के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
    • इस रिपोर्ट में वोट की गोपनीयता की कमी, एक व्यक्ति एक वोट सिद्धांत की पवित्रता की कमी, अशिक्षित मतदाताओं के लिए पहुँच के मुद्दों आदि जैसे कारणों  को खारिज कर दिया गया था।
    • चुनाव आयोग का दावा है कि आरवीएम वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले ईवीएम के रूप में सुरक्षित हैं।

    संभावित समाधान 

    • सफलतापूर्वक चुनाव को सुनिश्चित करने पर बल देना चाहिए।
    • रिमोट वोटिंग की किसी भी प्रणाली को चुनावी प्रणाली के सभी हितधारकों - मतदाताओं, राजनीतिक दलों और चुनाव मशीनरी के विश्वास और स्वीकार्यता को ध्यान में रखना होगा
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