हाल ही में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है।
करीब 5 वर्ष में यह पहली बार है जब इसमें कटौती की गई है।
इस कटौती के बाद रेपो रेट अब घटकर 6.25% रह गई है।
पिछली बार मई 2020 में रेपो रेट में 0.40% की कमी की गई थी।
आखिरी बार रेपो रेट में फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था।
रेपो दर
रिज़र्व बैंक अपने ग्राहकों को लघु अवधि के लिये दिए जाने ऋण पर जो ब्याज दर लागू करती है, उसे रेपो दर कहते है।
रिज़र्व बैंक के सभी ग्राहक – बैंक, केंद्र सरकार, राज्य सरकार रेपो दर के तहत ऋण प्राप्त कर सकते है।
इसके तहत ऋण लेने के लिये ग्राहकों को अपनी सरकारी प्रतिभूतियों को रिज़र्व बैंक के पास गिरवी रखना पड़ता है।
रेपो दर का निर्धारण मौद्रिक नीति समिति द्वारा किया जाता है।
रेपो दर में कमी के प्रभाव
जब RBI रेपो दर घटाता है, तो बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण मिलता है, जिससे वे उपभोक्ताओं और व्यवसायों को भी सस्ता ऋण प्रदान कर सकते हैं।
इससे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन की ब्याज दरें कम हो जाती हैं, जिससे कर्ज लेने की प्रवृत्ति बढ़ती है।
जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोग ज्यादा उधार लेने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ती है।
इससे बाजार में मांग बढ़ती है और आर्थिक गतिविधियां तेज होती हैं।
इससे महंगाई भी बढ़ सकती है
कम ब्याज दरों के कारण कंपनियों को भी सस्ता ऋण मिलता है, जिससे वे अपने व्यापार का विस्तार कर सकती हैं, नई फैक्ट्रियां लगा सकती हैं और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकती हैं।
इससे आर्थिक विकास को गति मिलती है
प्रश्न. हाल ही में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में कितनी प्रतिशत की कटौती की है?