संदर्भ
हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद (ISC) ने ‘नए क्षितिज की ओर अग्रसर- ग्रहीय स्वास्थ्य एवं मानव कल्याण पर वैश्विक दूरदर्शिता रिपोर्ट’ जारी की है।
रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट में महत्वपूर्ण वैश्विक बदलावों की पहचान की गई है। ये बदलाव पृथ्वी पर ‘जलवायु परिवर्तन’, ‘प्रकृति एवं जैव-विविधता की क्षति’ तथा ‘प्रदूषण व अपशिष्ट’ के तिहरे संकट को बढ़ा रहे हैं।
- इन बदलावों में दुनिया में मानवता में कमी, ए.आई. जैसी तकनीकों का तेजी से विकास, प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा, बढ़ती असमानताएँ एवं संस्थाओं में विश्वास में कमी आदि शामिल है।
- इस रिपोर्ट मे परिवर्तन के संकेतों के साथ ही दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने की बात की गयी है, जिसमें पारंपरिक पर्यावरणीय दायरे से बाहर देखना भी शामिल है। इससे ऐसे समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है जो भविष्य में होने वाले व्यवधानों का सामना कर सकें।
परिवर्तन के संकेत
- नेट-जीरो को बढ़ावा देने के लिए पृथ्वी के महत्वपूर्ण दुर्लभ तत्वों, खनिजों एवं धातुओं की मांग वर्ष 2040 तक चार गुना बढ़ने की उम्मीद है।
- इससे गहरे समुद्र में खनन के साथ-साथ अंतरिक्ष खनन की मांग भी बढ़ेगी।
- इससे प्रकृति एवं जैव-विविधता के लिए संभावित खतरे पैदा हो सकते हैं जिससे प्रदूषण व अपशिष्ट बढ़ सकता है ।
- वैश्विक तापन के परिणामस्वरूप पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से प्राचीन रोगजनक सूक्ष्म जीव बाहर निकल सकते हैं, जिससे पर्यावरण, पशु व मानव पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- उदाहरण के लिए साइबेरिया में एंथ्रेक्स रोग (Anthrax Disease) के फैलने का कारण पर्माफ्रस्ट का पिघलना ही बताया जा रहा है।
- ए.आई. (AI) एवं डिजिटल परिवर्तन से अनेक लाभ हो सकते हैं, हालाँकि इनकी सीमाएँ पर्यावरणीय निहितार्थ भी हैं :
- उदाहरण के लिए, डाटा सेंटर की मांगों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों एवं दुर्लभ पृथ्वी तत्वों व जल संसाधनों की बढ़ती मांग इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- बढ़ते सशस्त्र संघर्ष एवं हिंसा के परिणामस्वरूप पारितंत्र का क्षरण व पर्यावरण प्रदूषण होता है, जिससे कमजोर आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- जबरन विस्थापन से मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर विभिन्न नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं :
- प्रति 69 व्यक्तियों में से एक को जबरन विस्थापित होना पड़ रहा है जोकि एक दशक पहले के आंकड़ों का लगभग दोगुना है।
आगे की राह
- रिपोर्ट के अनुसार, दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने से विश्व को उभरती चुनौतियों व भविष्य की बाधाओं का पूर्वानुमान लगाने और उनके लिए तैयार रहने में मदद मिल सकती है।
- रिपोर्ट में एक नए सामाजिक अनुबंध को अपनाने की सिफारिश की गई है, जिसमें स्वदेशी लोगों सहित विविध प्रकार के हितधारकों को शामिल किये जाने की बात की गयी है।
- इसमें युवाओं को अधिक सशक्त बनाना तथा सकल घरेलू उत्पाद से आगे जाकर प्रगति के उपायों पर पुनर्विचार करना आदि शामिल है।
- इस रिपोर्ट ने प्रभावी एवं अनुकूल शासन का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेपों की बेहतर निगरानी व मूल्यांकन की आवश्यकता पर विचार किया है।
- इसमें पर्यावरण परिवर्तन पर निगरानी को एकीकृत एवं बेहतर बनाना और डाटा व ज्ञान को अधिक सुलभ बनाना आदि शामिल है।