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पुलिस स्टेशन की स्थिति पर रिपोर्ट

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन)

संदर्भ

भारतीय न्याय रिपोर्ट (IJR) के अनुसार, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के पूरे पुलिस बल में महिलाओं की संख्या केवल 10.5% ही हैं और तीन में से सिर्फ एक पुलिस स्टेशन पर ही सी.सी.टी.वी. उपलब्ध है।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु 

पुलिस फ़ोर्स में महिलाएँ

  • रिपोर्ट के अनुसार, 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं की संख्या 5% या उससे भी कम है। उल्लेखनीय है कि पुलिस बलों में महिलाओं के लिये लगभग 30% आरक्षण का प्रावधान है।
  • यद्यपि पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या में वृद्धि की जो वर्तमान दर है, उस प्रकार से 33% की स्थिति प्राप्त करने में 33 वर्षों का समय लगेगा।

वर्तमान परिदृश्य

  • वर्तमान में तमिलनाडु (19.4%), बिहार (17.4%) और गुजरात (16%) में महिला पुलिस अधिकारियों का प्रतिशत सर्वाधिक है। यद्यपि ये राज्य स्वयं द्वारा घोषित आरक्षण की स्थिति (क्रमशः 30%, 38% और 33%) को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। 
  • जबकि आंध्र प्रदेश (6.3%) में महिलाओं का प्रतिशत सबसे कम है, इसके बाद झारखंड और मध्य प्रदेश में यह 6.6% है।
  • गृह मंत्रालय के अंतर्गत दिल्ली पुलिस में 12.4% महिलाएँ शामिल हैं।

सी.सी.टी.वी.

  • देश के 17,233 पुलिस स्टेशनों में से एक-तिहाई में एक भी सी.सी.टी.वी. कैमरा नहीं है।
  • देश के चार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (राजस्थान, मणिपुर, लद्दाख, लक्षद्वीप) के कुल पुलिस स्टेशनों में से 1% से भी कम में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हुए हैं ।

साइबर सेल 

  • भारत के 746 जिलों में से केवल 63% जिलों में ही साइबर सेल हैं, जबकि संसदीय स्थायी समिति ने देश के प्रत्येक जिले के लिये एक साइबर सेल बनाने की सिफारिश की है। 
  • फरवरी 2022 तक पंजाब, मिजोरम और जम्मू-कश्मीर राज्यों के किसी भी जिले में कोई भी साइबर सेल नहीं है।

रिक्त पदों की संख्या

बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं असम में कांस्टेबल और अधिकारियों के एक-चौथाई से अधिक पद खाली हैं। समग्र रिक्तियों में बिहार में सर्वाधिक (41.8%) जबकि उत्तराखंड में सबसे कम (6.8%) रिक्तियाँ हैं।

महिला हेल्प डेस्क

  • गौरतलब है कि नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 90% से अधिक पुलिस थानों में महिलाओं के लिये हेल्प डेस्क हैं।
  • त्रिपुरा एकमात्र राज्य है जहां प्रत्येक पुलिस थाने में महिला हेल्प डेस्क है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में एक भी महिला हेल्प डेस्क नहीं है। 
  • शहरी क्षेत्रों में कुल 4905 पुलिस थानों में से केवल 3700 पुलिस थानों में महिला हेल्पडेस्क हैं। 
  • जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 9264 पुलिस थानों में से केवल 5754 पुलिस थानों में महिला हेल्पडेस्क हैं ।

एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. भर्ती

  • वर्ष 2010 से 2020 के मध्य अनुसूचित जातियों की संख्या 12.6% से बढ़कर 15.2% हो गयी है । 
  • किंतु अनुसूचित जनजातियों की हिस्सेदारी में लगभग 1% की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2010 में 10.6% से बढ़कर 2020 में 11.7% हो गई है।
  • वर्ष 2010 से 2020 के मध्य ओ.बी.सी. का प्रतिनिधित्व 20.8% से बढ़कर 28.8% हो गया है।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2020 में केवल कर्नाटक ने अपने वैधानिक आरक्षित कोटा को पूर्ण किया है।

 निष्कर्ष

  • देश के 41% पुलिस स्टेशन को जनवरी 2021 तक महिला सहायता डेस्क उपलब्ध कराने का लक्ष्य था, जबकि देश के कुल 14 राज्य/यू.टी. के पास ही साइबर सेल की उपलब्धता है।
  • प्रमुख संकेतकों में भी देखा गया है कि अधिकांश राज्य महिलाओं, एस.सी./एस.टी./ओ.बी.सी. आदि के भर्ती के प्रति उदासीन रहते हैं। साथ ही, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिये भी वित्तीय आवंटन अपेक्षाकृत कम होता है।
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