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खुदरा प्रत्यक्ष योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ (RBI) ने ‘खुदरा प्रत्यक्ष योजना’ (RDS) लॉन्च की थी। इसके तहत खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने की अनुमति प्रदान की गई। पूर्व में खुदरा निवेशक सिर्फ म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से ही सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते थे।

उद्देश्य

खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में प्रत्यक्ष निवेश करने का अवसर उपलब्ध कराना तथा सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना।

प्रमुख बिंदु

  • सेबी के अनुसार, किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में 2 लाख रुपए से कम का निवेश करने वाले सभी व्यक्ति ‘खुदरा निवेशक’ माने जाते हैं।
  • खुदरा निवेशक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय कर सकेंगे और इसके लिये उन्हें एक ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट’ (RDG) खाते की आवश्यक होगी।
  • इसके लिये लाभार्थी के पास भारत में बचत खाता, पैन कार्ड, के.वाई.सी. के लिये वैध दस्तावेज़, वैध ई-मेल आई.डी. व पंजीकृत मोबाइल नंबर होना आवश्यक है।

क्रय-योग्य सरकारी प्रतिभूतियाँ

  • ट्रेज़री बिल (T-Bill)
  • भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियाँ
  • राज्य विकास ऋण (SDL)
  • सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड (SGB)

योजना से लाभ 

  • इससे खुदरा निवेशकों की प्राथमिक व द्वितीयक, दोनों बाज़ारों तक पहुँच सुनिश्चित होगी।
  • सरकार को सरकारी प्रतिभूतियों के माध्यम से उधार लेने में आसानी होगी।
  • इससे निवेशकों की संख्या बढ़ेगी, अतः सरकार प्रतिभूतियों के प्रतिफल या ब्याज दर को कम कर सकेगी।
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