प्रारंभिक परीक्षा – मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र:3 - भारतीय अर्थव्यवस्था, आर्थिक विकास |
संदर्भ
- हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 4.25% रह गई है।
- खुदरा मुद्रास्फीति का मापन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अंतर्गत किया जाता है।
महत्वपूर्ण बिन्दु
- खुदरा मुद्रास्फीति दर मई में पिछले 20 महीने के निचले स्तर पर है।
- यह लगातार तीसरा महीना है, जब मुद्रास्फीति, भारतीय रिजर्व बैंक के लिए अनिवार्य 6% ऊपरी सहिष्णुता सीमा से कम रही है।
- मई में खुदरा मुद्रास्फीति दर, शहरी उपभोक्ताओं के लिए 4.27% तथा ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए 4.17% थी।
- शहरी क्षेत्रों में खाद्य मुद्रास्फीति दर, अप्रैल के 3.7% से कम होकर मई में 2.43% हो गई।
- ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य मुद्रास्फीति दर, अप्रैल के 3.9% से घटकर मई में 3.2% हो गई।
- मई 2022 के स्तर से कीमतों में क्रमश: 16% और 8.8% की गिरावट के साथ, खाद्य पदार्थों में, सब्जियों और खाद्य तेलों ने मुद्रास्फीति को कम करने में सबसे अधिक योगदान दिया।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index)
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खुदरा कीमतों के स्तर में समय के साथ परिवर्तन को मापा जाता है, जिस पर परिभाषित समूह के उपभोक्ता अपनी आय खर्च करते हैं।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की गणना वस्तुओं एवं सेवाओं के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है।
- CPI के अंतर्गत, निम्नलिखित आठ क्षेत्रों में महंगाई दर को मापा जाता है - शिक्षा, संचार, परिवहन, मनोरंजन, कपड़े, खाद्य और पेय पदार्थ, आवास और चिकित्सा देखभाल।
- CPI को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा मासिक आधार पर प्रकाशित किया जाता है।
- CPI का आधार वर्ष 2012 है।
CPI के प्रकार
- राष्ट्रीय स्तर पर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की गणना 4 प्रकार से की जाती है।
- औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (IW) - आधार वर्ष 2016
- कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AL) - आधार वर्ष 1986-87
- ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (RL) - आधार वर्ष 1986-87
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त) - आधार वर्ष 2012
- इनमे से पहले तीन को श्रम मंत्रालय के अंतर्गत श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित और जारी किया जाता है, जबकि चौथे को NSO द्वारा जारी किया जाता है।