केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी दे दी है।

संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बारे में
- परिचय : यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है जो पशुधन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- बजट : इस मिशन के लिए 15वें वित्त आयोग (2021-22 से 2025-26) के दौरान 3400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
- नोडल मंत्रालय : मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्रालय (पशुपालन एवं डेयरी विभाग)
- लक्ष्य :
- डेयरी व्यवसाय से जुड़े 8.5 करोड़ किसानों की आय में वृद्धि करना
- देशी गोजातीय नस्लों का वैज्ञानिक संरक्षण करना
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन में शामिल गतिविधियाँ
- बछिया पालन केंद्र : कुल 15000 बछियों के लिए 30 आवासीय सुविधाओं के निर्माण के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों को बछिया पालन केंद्रों की स्थापना के लिए पूंजीगत लागत का 35% एकमुश्त सहायता
- उच्च आनुवंशिकता वाली (HGM) बछियों के लिए सहायता : किसानों को उच्च आनुवंशिक योग्यता (HGM) आई.वी.एफ. बछिया खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना, ताकि ऐसी खरीद के लिए दुग्ध संघों/वित्तीय संस्थानों/बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए ऋण पर 3% ब्याज अनुदान प्रदान किया जा सके।
- इससे अधिक उत्पादन वाली नस्लों के व्यवस्थित इंडक्शन में मदद मिलेगी।
अन्य प्रमुख बिंदु
- संशोधित योजना, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत चल रही गतिविधियों को जारी रखने के लिए है, जिनमें शामिल हैं-
- सीमन केंद्रों और कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क को सुदृढ़ बनाना
- सैक्स सॉर्टेड सीमन का उपयोग करके बुल प्रोडक्शन और नस्ल सुधार
- कौशल विकास एवं किसान जागरूकता कार्यक्रम
- उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और केंद्रीय मवेशी प्रजनन फार्मों को सुदृढ़ करना
मिशन की उपलब्धियाँ
- मिशन के क्रियान्वयन एवं सरकार के अन्य प्रयासों से पिछले दस वर्षों में दुग्ध उत्पादन में 63.55% की वृद्धि हुई है।
- प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है।
- विगत दस वर्षों में दुग्ध उत्पादकता में भी 26.34% की वृद्धि हुई है।
- देश भर में राज्य पशुधन बोर्ड्स एवं विश्वविद्यालयों के अंतर्गत कुल 22 इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं।
इसे भी जानिए!
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत वर्ष 2014 में स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी।
- भारत का विश्व में दुग्ध उत्पादन में पहला एवं फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में दूसरा स्थान है।
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