चर्चा में क्यों?
हाल ही में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पुनः इस बात की पुष्टि की है कि किसी महिला या पुरुष का अपनी पसंद के महिला/पुरुष से शादी करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जिसे किसी भी जाति या धर्म के आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता।
विवाह का अधिकार
- विवाह का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक हिस्सा है।
- मानवाधिकार चार्टर (Human Rights Charter) में भी परिवार शुरू करने के अधिकार के तहत विवाह के अधिकार को मान्यता दी गई है।
- विवाह करने का अधिकार एक सार्वभौमिक अधिकार (universal right) है और यह सभी के लिये उपलब्ध है चाहे उनका लिंग कुछ भी हो।
- देश भर की विभिन्न अदालतों ने भी अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के एक अभिन्न अंग के रूप में विवाह करने के अधिकार की व्याख्या की है।
भारत में विवाह के अधिकार से जुड़े कुछ अन्य कानून:
- बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006
- द गार्जियन एंड वार्ड्स एक्ट, 1890
- द मेजोरिटी एक्ट, 1875
- परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984