संदर्भ
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक वरिष्ठ नागरिक से पूरी रात पूछताछ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निंदा की।
क्या है मामला
न्यायालय ने क्या कहा?
भारतीय संविधान के अंतर्गत नींद का अधिकार:
ऐतिहासिक फैसले |
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सईद मकसूद अली बनाम मध्य प्रदेश राज्य (2001) |
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक सभ्य वातावरण में रहने का अधिकार है और रात में शांति से सोने का अधिकार है। |
रामलीला मैदान हादसा बनाम गृह सचिव, भारत संघ एवं अन्य (2011) |
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी है, जो अनुच्छेद 21 का एक अविभाज्य पहलू है। यह भारतीय संविधान का एक अपरिहार्य अधिकार है। |
फोरम, पर्यावरण की रोकथाम एवं ध्वनि प्रदूषण बनाम भारत संघ एवं अन्य (2005) |
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि, शोर हमारे काम, आराम, नींद और नींद आने में बाधा उत्पन्न सकता है। शोर के घुसपैठ से सोए हुए लोगों को जगाया जा सकता है। इसके न केवल सतर्कता की स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक परिणाम हो सकते हैं, बल्कि शोध से यह भी पता चलता है कि प्रभाव तब भी हो सकता है जब शरीर अनजान हो या नींद में हो। |
बुराबाजार फायर वर्क्स डीलर्स बनाम पुलिस आयुक्त और अन्य (1997) |
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने खराब रात्रि माहौल के कारण नींद पर पड़ने वाले प्रभावों को रेखांकित किया। |
खड़क सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य (1962) |
किसी भी व्यक्ति के निवास में घुसपैठ करना और उसकी नींद या सामान्य आराम में खलल डालते हुए उसके दरवाजे पर दस्तक देना आवश्यक रूप से उसके स्वतंत्र रूप से घूमने के अधिकार का उल्लंघन करता है (19(1) (d) के तहत) और साथ ही अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत उसकी "व्यक्तिगत स्वतंत्रता" से उसका "वंचन" भी है। |
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