प्रारम्भिक परीक्षा – अनुच्छेद 14 और 21 मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-2 (शासन व्यवस्था एवं संविधान) |
चर्चा में क्यों
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने "जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ अधिकार" को शामिल करने के लिए अनुच्छेद 14 और 21 के दायरे का विस्तार किया।
प्रमुख बिंदु :-
- भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों पीठ ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) को बिजली पारेषण लाइनों के कारण अपना निवास स्थान खोने से बचाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह महत्वपूर्ण फैसला दिया।
- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के "दुष्प्रभावों के खिलाफ" एक व्यक्ति का अधिकार जीवन और समानता के मौलिक अधिकार का हिस्सा है।
सुप्रीम कोर्ट के तर्क :-.
- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 48 (a) में प्रावधान है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा, उसमें सुधार करने , देश के जंगलों और वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा।
- मौलिक कर्तव्य के तहत भी अनुच्छेद 51(a) के खंड (G) में भी यह प्रावधान है कि जंगल, झीलों, नदियों , वन्यजीवों सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा ,उसमें सुधार करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
- ये अनुच्छेद संविधान में प्रकृति के महत्व के बारे में बताते हैं।
- इससे पर्यावरण की सुरक्षा संविधान के अन्य भागों में एक अधिकार बन जाता है।
- अनुच्छेद -21:यह जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को मान्यता देता है।
- अनुच्छेद-14:यह इंगित करता है कि सभी व्यक्तियों को कानून के समक्ष समानता और कानूनों का समान संरक्षण प्राप्त होगा।
- इन अनुच्छेदों के तहत सभी लोग कानून की नजर में बराबर होंगे और उन्हें कानून का बराबर संरक्षण मिलेगा।
- ये अनुच्छेद स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के खिलाफ अधिकार के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
- सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण, वेक्टर जनित बीमारियों में बदलाव, बढ़ते तापमान, सूखा, फसल की विफलता के कारण खाद्य आपूर्ति में कमी, तूफान और बाढ़ जैसे कारकों के कारण वंचित समुदायों की स्वास्थ्य जीवन जीने के अधिकार और समानता के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
- इसलिए केंद्र एवं राज्य सरकार का दायित्व है कि वह स्वच्छ पर्यावरण एवं स्वस्थ्य जीवन से संबंधी आवश्यक कार्यों का निर्वाहन करे।
क्या है पूरा मामला:-
- सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल 2021 को 99,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिजली की इन तारों को अंडरग्राउंड पावर लाइनों में बदलने पर विचार किया जाए।
- इसके बाद मंत्रालयों पर्यावरण, जंगल और क्लाइमेट चेंज मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
- इन्होने तर्क दिया कि भारत गैर-फॉसिल फ्यूल (Non-Fossil Fuel) को बढ़ावा देने और उत्सर्जन (Emission) को कम करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वादे कर चुका है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में कुछ बदलाव करे।
- हाई वोल्टेज बिजली लाइनों को भूमिगत करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है।
- सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी बातों को संज्ञान में लिया और ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनों को अनुमति दे दी, लेकिन CJI चंद्रचूड़ ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और पर्यावरण के संरक्षण को संतुलित करने की बात कही।
स्वास्थ्य का अधिकार
- यह अनुच्छेद- 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक हिस्सा है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद -21:
- यह जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है।
- यह जीवन और स्वतंत्रता से मनमाने ढंग से वंचित किए जाने के खिलाफ कुछ सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करता है।
- इसके तहत कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन से वंचित नहीं किया जाएगा।
- इसका तात्पर्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को जीने का अधिकार है, और निर्धारित कानूनी प्रक्रियाओं के अतिरिक्त उनका जीवन छीना नहीं जा सकता है।
जीवन के अधिकार में विभिन्न पहलू शामिल हैं:-
- इसमें सम्मान के साथ जीने का अधिकार।
- आजीविका का अधिकार।
- स्वस्थ वातावरण का अधिकार।
अनुच्छेद 14 :-
- इस अनुच्छेद में सभी के लिए समानता की बात कही गई है अर्थात राज्य सभी व्यक्तियों के लिए एकसमान कानून बनाएगा तथा उन्हें एकसमान लागू करेगा।
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प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने "जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ अधिकार" को शामिल करने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद का विस्तार किया?
(a) अनुच्छेद 14 और 22
(b) अनुच्छेद 15 और 25
(c) अनुच्छेद 16 और 24
(d) अनुच्छेद 14 और 21
उत्तर (d)
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