New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

दिव्यांगजन अधिकार (संशोधन) नियम, 2024

प्रारंभिक परीक्षा

(समसामयिक घटनाक्रम)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2; केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।)

चर्चा में क्यों 

  • हाल ही में, केंद्र सरकार ने संशोधित दिव्यांगजन अधिकार नियम, 2024 को अधिसूचित किया है। 
  •  राष्ट्रीय दिव्यांगजन अधिकार मंच (NPRD) के अनुसार नए नियम दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को अधिक कठोर और बोझिल बनाते हैं।

दिव्यांगजन अधिकार (RPwD) नियम, 2024  के बारे में

  • दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 100 की उप-धारा (1) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का  प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार नियम, 2017 में संशोधन किया है।
  • सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इन नियमों को दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 (Rights of Persons with Disabilities (Amendment) Rules, 2024)  कहा जा सकता है।
  • संशोधन का उद्देश्य: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पहुँच में सुधार और अधिक कुशल सेवाएँ प्रदान करने के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र  एवं विशिष्ट दिव्यांगता पहचान कार्ड (Unique Disability Identification Card: UDID) के लिए आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना।

नए संशोधित नियम निम्नलिखित हैं:

  • UDID ​​पोर्टल: नए नियमों के तहत, निर्दिष्ट दिव्यांगता वाले व्यक्ति UDID ​​ ​​पोर्टल के माध्यम से दिव्यांगता प्रमाण पत्र और UDID ​​ ​​कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। 
    • वे अपने जिला चिकित्सा अधिकारियों या उन चिकित्सा सुविधाओं में आवेदन जमा कर सकते हैं जहाँ वे उपचार करवा रहे हैं।
  • रंग-कोडित UDID ​​​​कार्ड: संशोधनों में रंग-कोडित यूडीआईडी ​​कार्ड भी पेश किए गए हैं, जो दिव्यांगता के विभिन्न स्तरों को दर्शाते हैं: 
    • 40% से कम दिव्यांगता के लिए सफेद 
    • 40-79% के लिए पीला 
    • 80% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले लोगों के लिए नीला
  • 3 माह की सीमा: इसके अतिरिक्त, नए नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि चिकित्सा अधिकारियों को निदान के तीन महीने के भीतर दिव्यांगता प्रमाण पत्र और UDID ​​कार्ड जारी करना चाहिए।
  • 2 वर्ष में आवेदन निष्क्रिय : यदि कोई आवेदन दो साल से अधिक समय तक अनसुलझा रहता है, तो इसे निष्क्रिय माना जाएगा और आवेदकों को फिर से आवेदन करना होगा। 
  • स्थायी एवं अस्थायी प्रमाण पत्र: स्थायी प्रमाण पत्र उन लोगों के लिए जारी किए जाएंगे जिनकी विकलांगता अपरिवर्तनीय है, जबकि समय-सीमित प्रमाण पत्र उन व्यक्तियों को दिए जाएंगे जिनकी स्थिति में सुधार हो सकता है।

नए नियमों पर आपत्ति 

  • विकलांग अधिकार एनजीओ नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट्स ऑफ द डिसेबल्ड ने RPwD नियम संशोधन के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया क्योंकि संशोधित नियमों के तहत विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने की समय सीमा एक महीने से बढ़ाकर तीन महीने कर दी गई।
  • इसने केवल UDID ​​​​पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना अनिवार्य बनाने तथा आवेदन के  दो वर्षों तक कोई कार्रवाई न किए जाने पर पुनः आवेदन करने के प्रावधानों पर आपत्ति जताई है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR