(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं जैवविविधता) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3; संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।) |
संदर्भ
विश्ववन्य जीव दिवस के अवसर पर 3 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने नदी डॉल्फिन गणना रिपोर्ट जारी की।
नदी डॉल्फिन गणना रिपोर्ट के बारे में
- यह राष्ट्रीय स्तर पर जारी की गई पहली नदी डॉल्फिन गणना रिपोर्ट है।
- यह रिपोर्ट 8 राज्यों की 28 नदियों में अध्ययन के आधार पर तैयार की गई, जिसमें 8,500 किलोमीटर की दूरी तय की गई।
- गंगा नदी एवं इस की सहायक नदियों में कुल 7,109 किमी. का सक्रिय रूप से सर्वेक्षण किया गया।
- सहायक नदियोंमें चंबल, यमुना, राप्ती, शारदा, घाघरा, महानंदा, कोसी, गंडक, गेरुवा, रूपनारायण, तोरसा, कलजानी, चूर्णी और हल्दी शामिल कीगई।
- सर्वेक्षण के लिए, शोधकर्ताओं ने ध्वनिक हाइड्रोफ़ोन का उपयोग करते हुए एक स्थिर गति से नाव द्वारा यात्रा की।
- ध्वनिक हाइड्रोफ़ोन (पानी के नीचे के माइक्रोफ़ोन), डॉल्फ़िन द्वारा उत्सर्जित ध्वनियों को अंकित करता है।
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भारतमें डॉल्फ़िन प्रजातियाँ
- भारत में मीठे पानी की डॉल्फ़िन की दो प्रजातियों गंगाडॉल्फ़िन (प्लैटनिस्टा गैंगेटिका) और सिन्धु/इंडसडॉल्फ़िन(प्लैटनिस्टा माइनर) का आवास स्थल है।
- डॉल्फिनस्वस्थ नदी पारिस्थितिकी तंत्र के जैव-संकेतक के रूप में काम करती हैं।
- दोनों डॉल्फ़िनों को लुप्तप्राय (Endangered : EN) के रूप में वर्गीकृत किया गया है और वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत अनुसूची I प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
प्रोजेक्ट डॉल्फिन के बारे में
- प्रारंभ : प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2020 को घोषणा की गईथी।
- उद्देश्य : डॉल्फिन और अन्य जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों का संरक्षण और सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाना।
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रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- कुलसंख्या: सर्वेक्षण में गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी घाटियों में डॉल्फिनों की अनुमानित संख्या 6,327 है।
- इनमें गंगा डॉल्फ़िन की संख्या 6,324 और सिन्धु डॉल्फिन की संख्या मात्र 3 है।
- राज्यवार संख्या: उत्तर प्रदेश राज्य में डॉल्फिनों की संख्या सर्वाधिक 2,397 है।
- इसके बाद बिहार में 2,220, पश्चिम बंगाल में 815, असम में 635, झारखंड में 162, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 95 जबकि पंजाब में 3 डॉल्फिन हैं।
- गंगा की मुख्य धारा में औसतन 3,274; गंगा की सहायक नदियों में 2,414; ब्रह्मपुत्र की मुख्यधारा में 584; ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों में 412; और ब्यास नदी में 101 डॉल्फ़िन की गणना की गई।
- रिपोर्ट केअनुसार,डॉल्फिनों के आवास, प्रजनन स्थल, गतिविधियों और शिकार करने की आदतों को लेकर अभी भी सीमित जानकारी उपलब्ध है।
- हालाँकि, हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि यह प्रजातियाँ नदियोंके संगम, घुमावदार रास्ते और मध्य-चैनल द्वीपों को पसंद करती हैं।
- मध्य-चैनल द्वीप स्वयं निर्मित निक्षेपित भू-आकृतिक इकाइयाँ हैं, जो प्राकृतिक नदी प्रणालियों में सामान्यतः देखी जाती हैं।
- भारत में सिंधु नदी डॉल्फिन वर्तमान में केवल ब्यास नदी में देखी गई है, इनकी संख्या चिंताजनक रूप से कम है और इसके संरक्षण पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
- 20वीं सदी के अंत तक गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या लगभग 4,000-5,000 थी।
- वर्ष 1980 से अब तक, शिकार और सउद्देश्य हत्या के कारण कम से कम 500डॉल्फिन की मौतें हुई हैं।