वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने लगभग दो दशकों की संवाद के बाद विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के सदस्य देशों द्वारा अपनाई गई रियाद ‘डिजाइन कानून संधि’ (Design Law Treaty : DLT) के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
रियाद डिजाइन कानून संधि के बारे में
- इस संधि का उद्देश्य औद्योगिक डिजाइन संरक्षण के लिए प्रक्रियात्मक ढाँचे को सुसंगत बनाना, विभिन्न क्षेत्रों में पंजीकरण प्रक्रियाओं की दक्षता एवं पहुँच में सुधार करना है।
- यह प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को मानकीकृत करके डी.एल.टी. प्रशासनिक बोझ को कम करता है जिससे डिजाइन में वैश्विक रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है।
- यह संधि अनुबंध करने वाले पक्षों को इलेक्ट्रॉनिक औद्योगिक डिजाइन प्रणालियों को लागू करने और प्राथमिकता दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने की दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम और स्टार्टअप बौद्धिक संपदा संरक्षण (SIPP) योजना जैसी पहलों के साथ संयुक्त होने पर ये प्रावधान स्टार्टअप एवं एस.एम.ई. को वैश्विक स्तर पर डिजाइन अधिकार सुरक्षित करने, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने और बाजार के विकास का समर्थन करने में मदद करेंगे।
- पिछले दशक में भारत में डिजाइन पंजीकरण तीन गुना बढ़ गए हैं। पिछले दो वर्षों में केवल घरेलू दाखिलों (Filings) में 120% की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष डिजाइन आवेदनों में 25% की वृद्धि हुई।
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO)
- स्थापना : वर्ष 1967
- मुख्यालय : जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
- उद्देश्य : रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्व में बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देना
- भारत द्वारा इसकी सदस्यता : वर्ष 1975 में
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