(प्रारंभिक परीक्षा : कला एवं संस्कृति) |
चर्चा में क्यों
14 अप्रैल, 2025 को असम में रोंगाली बिहू त्योहार का आयोजन किया गया।
रोंगाली बिहू के बारे में
- परिचय : यह असम का एक प्रमुख और अत्यंत लोकप्रिय त्योहार है जिसे असम में नए वर्ष की शुरुआत और खेती के मौसम के आरंभ का प्रतीक माना जाता है।
- इसे ‘बोहाग बिहू’ और ‘जात बिहू’ भी कहा जाता है।
- आयोजन : इसे प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने में मनाया जाता है, जब हिंदू सौर कैलेंडर के अनुसार सूर्य, मेष राशि में प्रवेश करता है।
- यह आमतौर पर 14 या 15 अप्रैल को आता है।

प्रमुख विशेषताएं
- इस पर्व का मूल भाव ‘रोंग’ यानी आनंद और उल्लास है। रोंगाली बिहू के दौरान लोग पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं, लोकगीत गाते हैं, बिहू नृत्य करते हैं और विशेष पकवान बनाते हैं।
- युवा लड़के और लड़कियां खुली जगहों पर समूहों में बिहू नृत्य प्रस्तुत करते हैं, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
- इसका आयोजन सात दिनों तक चलता है।
महत्व
- रोंगाली बिहू केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि असमिया संस्कृति, परंपरा और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।
- यह किसानों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह खेती की नई शुरुआत और प्रकृति की उपज के लिए आभार प्रकट करने का अवसर है।
असम के अन्य त्योहार
- असम में रोंगाली बिहू के अलावा कोंगाली बिहू (अक्टूबर में) और भोगाली बिहू (जनवरी में) का भी आयोजन किया जाता है
- ये तीनों बिहू त्योहार कृषि चक्र के विभिन्न चरणों से जुड़े होते हैं और असम की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं।