प्रारंभिक परीक्षा – कच्चा हीरा (Rough diamond) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
- जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और हीरा उद्योग के अन्य प्रमुख संघों ने अपने सदस्यों को दो महीने के लिए कच्चे हीरे के आयात को निलंबित करने का निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- यह कदम निर्यात में भारी गिरावट के कारण पॉलिश किए गए हीरों की सूची में उल्लेखनीय वृद्धि के जवाब में उठाया गया है।
- इसका उद्देश्य उद्योग में मांग और आपूर्ति को संतुलित करना, परिसंपत्ति मूल्यों की रक्षा करना और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा देना है।
- हीरा बाजार को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख उपभोक्ता अर्थव्यवस्थाओं में पॉलिश किए गए हीरे और आभूषणों की मांग धीमी हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप इस वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में रत्न और आभूषण निर्यात में 27% की कमी आई है।
किम्बर्ले प्रक्रिया क्या है?
- वर्ष 1998 में अफ्रीका में (सिएरा लियोन, अंगोला, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और लीबिया) कुछ विद्रोही गुटों ने अन्य वस्तुओं के अलावा हीरों का इस्तेमाल चुनी हुई सरकारों के खिलाफ अपने संघर्ष के वित्तपोषण के लिये किया था।
- इस तरह के हीरों के व्यापार पर रोक लगाने के लिये विश्व के हीरा उद्योग, संयुक्त राष्ट्र, कई देशों की सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों ने नवंबर 2002 में स्विट्ज़रलैंड में किम्बर्ले प्रक्रिया उपायों का मसौदा तैयार किया।
- किम्बर्ले प्रक्रिया (KPCS) 1 जनवरी, 2003 से प्रभावी है।
- इसके तहत गलत कार्यों के लिये हीरों के व्यापार को रोकने हेतु एक प्रभावी प्रणाली बनाई गई है।
- किम्बर्ले प्रक्रिया एक अंतरराष्ट्रीय प्रमाणन योजना है जो कच्चे हीरों के व्यापार को नियंत्रित करती है।
- इसका उद्देश्य कच्चे हीरों के वैध व्यापार की रक्षा में मदद करते हुए विवादित हीरों के प्रवाह को रोकना है।
- कच्चे हीरे अपने प्राकृतिक रूप में बिना तराशे, बिना पॉलिश किए और असंसाधित हीरे होते हैं।
- इन्हें पृथ्वी से खनन किया जाता है या जलोढ़ निक्षेप जैसे अन्य स्रोतों से निकाला जाता है।
जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC)
- भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संगठन है, जिसका उद्देश्य भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग और उत्पादों को बढ़ावा देना है।
- GJEPC की स्थापना 1966 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (भारत) द्वारा की गई थी।
- इसका मुख्यालय मुंबई में है ।
- जीजेईपीसी को 1998 में एक स्वायत्त दर्जा दिया गया था।
- यह भारत के रत्न और आभूषण उद्योग के लिए शीर्ष निकाय है ।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) की स्थापना 1964 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा की गई थी।
- कचा हीरा प्राकृतिक रूप में बिना तराशे, बिना पॉलिश किए और असंसाधित हीरे होते हैं
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : किम्बर्ले प्रक्रिया क्या है? विश्व में हीरे के व्यापार को कैसे प्रबंधित किया जाता है? चर्चा कीजिए।
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स्रोत: बिजनेस लाइन