हाल ही में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भगवत को अग्रिम सुरक्षा संपर्क (Advance Security Liaison : ASL) श्रेणी की सुरक्षा देने की घोषणा की है। गृह मंत्रालय (MHA) किसी व्यक्ति की खतरे की संभावना के आधार पर सुरक्षा कवर प्रदान करता है।
क्या है ए.एस.एल. सुरक्षा श्रेणी
- ए.एस.एल. सुरक्षा श्रेणी के तहत संरक्षित व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी अनिवार्य है।
- इसके अतिरिक्त हेलीकॉप्टर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाती है जो निर्धारित प्रोटोकॉल के अधीन है।
- ए.एस.एल. प्रोटोकॉल में तोड़फोड़ विरोधी (Anti-sabotage) जाँच भी अनिवार्य है और इसमें बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे शामिल होते हैं।
भारत में अन्य सुरक्षा प्रोटोकॉल
विशेष सुरक्षा समूह
- विशेष सुरक्षा समूह (Special Protection Group : SPG) अधिनियम में नवीनतम संशोधन के अनुसार एस.पी.जी. केवल तत्कालीन प्रधानमंत्री और उनके साथ रहने वाले निकटतम परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करता है।
- इसमें 3,000 सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ अत्यधिक प्रशिक्षित स्वान दस्ता भी शामिल होता है।
ज़ेड प्लस
- जेड प्लस सुरक्षा एस.पी.जी. कवर के बाद सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा है।
- इस सुरक्षा कवर में सी.आर.पी.एफ. कमांडो के साथ 55 जवान शामिल होते हैं, जो 24x7 सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की सुरक्षा करते हैं।
- सुरक्षा कवर में बुलेटप्रूफ वाहन और तीन शिफ्ट में एस्कॉर्ट भी शामिल है।
- जेड प्लस सुरक्षा बल के कमांडो को विशेषज्ञ मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है।
ज़ेड श्रेणी
- ज़ेड श्रेणी देश की तीसरी सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था है जिसमें कमांडो और पुलिस कर्मियों के साथ कुल 22 कर्मी शामिल होते हैं।
वाई-प्लस एवं वाई श्रेणी
- वाई श्रेणी की सुरक्षा में आठ से 11 कर्मी शामिल होते हैं, जिनमें कुछ कमांडो भी शामिल होते हैं।
- इसमें दो निजी सुरक्षा अधिकारी भी शामिल होते हैं।
एक्स श्रेणी
- एक्स श्रेणी सुरक्षा में 2 कर्मियों के साथ सुरक्षा कवर दिया जाता है जिनमें से दोनों सशस्त्र सिविल पुलिस अधिकारी होते हैं।
- यह सबसे प्रचलित सुरक्षा कवर है जिसे पूरे भारत में कई नागरिकों को प्रदान किया जाता है।
- इस सुरक्षा स्तर में कोई कमांडो शामिल नहीं होता है।